हाइलाइट्स :
गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का शुभारंभ।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि।
साबरमती आश्रम में पीएम ने किया प्रदर्शनी का आलोकन।
PM Modi Inaugurate Kochrab Ashram In Sabarmati : गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को साबरमती में महात्मा गांधी आश्रम में पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का उद्घाटन किया और गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का शुभारंभ भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, 'जो देश अपनी विरासत को सुरक्षित नहीं रख पाता, वो देश अपना भविष्य भी खो देता है। आज़ादी के बाद इस विरासत के साथ न्याय नहीं हुआ।'
गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती आश्रम में पीएम मोदी ने कहा, जो देश अपनी विरासत नहीं संजो पाता, वो देश अपना भविष्य भी खो देता है। बापू का ये साबरमती आश्रम देश की ही नहीं, बल्कि मानवजाति की ऐतिहासिक धरोहर है।आज़ादी के बाद इस विरासत के साथ न्याय नहीं हुआ। 12 मार्च वो ऐतिहासिक तारीख है जब बापू ने आजादी की लड़ाई की दिशा बदल दी और दांडी मार्च इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। आजाद भारत में ये तारीख अमृत महोत्सव की शुरुआत की गवाह है।
पीएम मोदी ने कहा कि, "बापू का यह साबरमती आश्रम हमेशा से एक अद्भुत ऊर्जा का केंद्र रहा है। जब भी हमें यहां आने का अवसर मिलता है, हम अपने भीतर बापू की प्रेरणा को स्पष्ट रूप से महसूस कर सकते हैं। सत्य और अहिंसा के आदर्श, भक्ति का संकल्प।" देश के प्रति, गरीबों और वंचितों की सेवा में ईश्वर की सेवा का भाव - साबरमती आश्रम आज भी बापू के इन मूल्यों को जीवित रखता है।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि, आज जब भारत आजादी के अमृतकाल में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है, आज जब भारत जमीन से अंतरिक्ष तक नई ऊंचाइयां छू रहा है, आज जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो महात्मा गांधी की ये तपोस्थली हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। हमारी सरकार, गांधी जी के आदर्शों पर चलते हुए गांव-गरीब के कल्याण को प्राथमिकता दे रही है, आत्मनिर्भर भारत अभियान चला रही है। आज गांव मजबूत हो रहे हैं, ग्राम स्वराज का विजन साकार हो रहा है। हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक बार फिर से महिलाएं अहम भूमिका निभा रही है।
पीएम ने कहा, सदियों की गुलामी के कारण जो देश हताशा का शिकार हो रहा था, उसमें बापू ने आशा भरी थी, विश्वास भरा था। आज भी उनका विजन हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा दिखाता है। बापू ने ग्राम स्वराज और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा था। आजादी के बाद जो सरकारें रहीं, उनमें देश की ऐसी विरासत को बचाने की न सोच थी और न ही राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। एक तो विदेशी दृष्टि से भारत को देखने की आदत थी और दूसरी तुष्टिकरण की मजबूरी थी। जिसकी वजह से भारत की विरासत, हमारी महान धरोहर ऐसे ही तबाह होती रही। अतिक्रमण, अस्वच्छता, अव्यवस्था आदि ने हमारी विरासतों को घेर लिया था।
कार्यक्रम में सीएम भूपेन्द्र पटेल भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि, ''पिछले कई वर्षों से आश्रम में कुछ काम चल रहा था और 'आश्रमवासियों' के परिवार यहां रहते थे। उनके सहयोग के बिना, यह पुनर्विकास परियोजना संभव नहीं होता...वहां इस पूरी प्रक्रिया में भूमि अधिग्रहण कानून की कोई आवश्यकता नहीं थी। आपसी सहयोग और विश्वास और संवाद के माध्यम से हमने इसका समाधान ढूंढ लिया गया।"
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