गुजरात विद्यापीठ को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रयत्न करें : आचार्य देवव्रत
अहमदाबाद, गुजरात। गुजरात विद्यापीठ के कुलपति एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गुरूवार को कहा कि वयोवृद्ध, ज्ञानवृद्ध और अनुभववृद्ध ट्रस्टियों के आशीर्वाद एवं युवा ट्रस्टियों के समर्पण से गुजरात विद्यापीठ को आगे ले जाने का सभी लोग ईमानदारी से प्रयास करें यह एक कर्मयोग है।
आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में गुजरात विद्यापीठ मंडल की बैठक आज गुजरात विद्यापीठ परिसर-अहमदाबाद में आयोजित की गई। गुजरात विद्यापीठ मंडल में सामाजिक समरसता के हिमायती, कृषि एवं शिक्षण क्षेत्र के साथ जुड़े गुजरात के पूर्व मंत्री भुपेन्द्रसिंह मनुभा चूडास्मा और आईआईएम. कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के अध्यक्ष, पूज्य गांधीजी की 150वीं जन्म जयंती समारोहों के राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य एवं गांधी जी की पौत्री सुमित्राबेन कुलकर्णी के पुत्र कृष्णा कुलकर्णी की सर्वानुमति से ट्रस्टी के तौर पर नियुक्ति की गई।
गुजरात विद्यापीठ के कुलपति राज्यपाल ने मंडल की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व तेजी से प्रगति कर रहा है। ऐसे वातावरण में गुजरात विद्यापीठ का महत्व बढ़े, इसके लिए प्रतिदिन नये संशोधनों के साथ प्रगति करनी होगी। विद्यार्थी समय के साथ ताल मिला सकें, ऐसा शिक्षण प्रदान करना होगा। अन्यथा गुजरात विद्यापीठ मात्र एक भवन बनकर रह जाएगा जिसका कोई अर्थ नहीं है। महात्मा गांधी ने जिन उद्देश्यों को लेकर इस संस्था की स्थापना की थी। उन्हीं उद्देश्यों की आज आवश्यकता है। श्री गांधी के विचार पुरातन नहीं हैं बल्कि शास्वत हैं और जीवन की आवश्यकता है। उन्होंने तमाम ट्रस्टियों को चिंतन करने, नये निराकरण खोजने और प्रगतिशील अभिप्राय खुलकर व्यक्त करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि गांधी जी द्वारा स्थापित इस संस्था के प्रति लोगों में सम्मान का भाव पुन: जागे ऐसे प्रयत्न करने की आवश्यकता है। संस्थाएं भवनों से नहीं बनती हैं बल्कि मनुष्यों से बनती हैं। गुजरात विद्यापीठ के प्रति सामान्य नागरिकों में श्रद्धा और सम्मान का भाव पुन: प्रगट हो, ऐसे प्रयास करने का उन्होंने तमाम ट्रस्टियों से अनुरोध किया। गुजरात विद्यापीठ के मंडल में कई ट्रस्टी ऐसे हैं जिन्होंने विद्यापीठ में ही शिक्षण प्राप्त किया है। वरिष्ठ ट्रस्टियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वयोवृद्ध, ज्ञानवृद्ध और अनुभववृद्ध ट्रस्टियों के आशीर्वाद एवं युवा ट्रस्टियों के समर्पण से गुजरात विद्यापीठ को आगे ले जाने का सभी लोग ईमानदारी से प्रयास करें, यह एक कर्मयोग है। मन में पवित्रता के साथ पूज्य गांधीजी के मानव कल्याण, गरीब उत्कर्ष, सहिष्णुता, प्रेम और जात-पांत भेद समाप्त करने के सिद्धांत को पुनर्जीवित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने स्पष्ट चिंतन, दृढ़ निर्णय शक्ति और समर्पित भाव से टीम स्पीरिट- परिवार भावना से कार्य करने का सभी ट्रस्टियों से अनुरोध किया।
आचार्य देवव्रत, पद्मभूषण राजश्री बिरला, दिलीपभाई ठाकर, डॉ. हर्षदभाई पटेल और कार्यकारी कुलनायक डॉ. भरतभाई जोशी का चरखे से स्वागत किया गया। कार्यकारी कुलनायक डॉ. भरतभाई जोशी ने गत तीन माह के दौरान हुए कामकाज और प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट दी। कार्यकारी कुल सचिव डॉ. निखिलभाई भट्ट ने बैठक का संचालन किया।
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