गो फर्स्ट को मदद देने के लिए तैयार है सरकार : ज्योतिरादित्य सिंधिया
नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय एयरलाइन गो फर्स्ट के दिवालिया मामले को अफसोसनाक बताया है और कहा है कि वह एयरलाइन के बुनियादी मुद्दों को लेकर सहायता करने के लिए तत्पर है।
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने आज शाम यहां एशिया के सबसे बड़े विमानन शो विंग्स इंडिया 2024 (Wings India 2024) के पूर्वावलोकन के मौके पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गो फर्स्ट का दिवालिया होना नागर विमानन क्षेत्र के लिए कोई बहुत अच्छी बात नहीं है। हालांकि हर कंपनी को अपने मसलों को खुद ही सुलझाना होता है। जहां तक मंत्रालय का सवाल है, हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि एयरलाइन कंपनियों को उनके किसी भी बुनियादी मुद्दे पर सहायता देंगे।
सिंधिया ने कहा कि हमने बहुत साफगोई से कहा है कि हम उड़ानों की जल्दी से जल्दी पुन: बहाली चाहते हैं। उसके लिए गो फर्स्ट को अपनी योजना नागर विमानन महानिदेशालय को देना होगा जिसमें विमानों की संख्या, मार्गों की संख्या और उड़ान की योजना भी शामिल हो। उस योजना के मिलने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय निर्णय करेगा कि इसे कैसे किया जाये।
उन्होंने कहा कि नागर विमानन उद्योग के लिए बीते तीन वर्ष बहुत ही खराब रहे हैं। करीब सात सौ विमान खाली खड़े रहे। एक भी यात्री नहीं था। लेकिन इसके बाद नागर विमानन उद्योग में बहुत तेजी से उन्नति हुई है। अब समस्या यात्रियों या बा•ाार की नहीं है बल्कि क्षमता की है। सरकार क्षमता विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।
इससे पहले उन्होंने विंग्स इंडिया के पूर्वावलोकन के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बीते एक दशक में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में यात्रियों की संख्या छह करोड़ थी जो अब 14.4 करोड़ हो चुकी है। आगामी 3 से 4 साल में यह संख्या 20 करोड़ के पार हो जाएगी। इनमें से तीन से चार करोड़ यात्री अक्सर यात्रा करने वाले हैं। इस प्रकार से 97 प्रतिशत आबादी विमान यात्रा से दूर है और यही हमारे लिए प्रगति की बड़ी गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 2014 में करीब 400 विमान थे जो अब 700 से अधिक हैं। इसी प्रकार से देश में इस समय केवल 280 हेलीकॉप्टर हैं। हवाईअड्डों की संख्या 2014 में 70 थी जो अब 144 है और आने वाले समय में 200 से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार तीन बिन्दुओं पर कार्य कर रही है। पहला - क्षमता विस्तार, दूसरा-बाधाओं को दूर करना और तीसरा-प्रक्रियाओं एवं नियमों का सरलीकरण करना।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नागर विमानन क्षेत्र में 98 हजार करोड़ रुपए का पूंजीगत निवेश की योजना बनायी है। इसमें 3400 करोड़ रुपए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के माध्यम से और 6200 करोड निजी क्षेत्र में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में मूल्यवर्धित कर (वैट) भी हवाई यात्रा महंगी होने का कारण रहा है। अब 31 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में वैट एक से चार प्रतिशत तक है जबकि पांच राज्यों में यह 25 से 30 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इन सभी तथ्यों को एक साथ देखने से पता चलता है कि भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में प्रगति की कितनी विशाल संभावनाएं हैं। भारत ना केवल एशिया बल्कि वैश्विक नागर विमानन में प्रगति का बड़ा कारक बनेगा।
नागरिक उड्डयन पर एशिया के सबसे बड़े कार्यक्रम विंग्स इंडिया आगामी 18 से 21 जनवरी 2़024 को हैदराबाद के बेगमपेट के हवाई अड्डे पर आयोजित किया जाएगा।
विंग्स इंडिया का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने संयुक्त रूप से किया है।
विंग्स इंडिया नागरिक उड्डयन एवं एयरोस्पेस का एक प्रमुख कार्यक्रम होता है। इसका उद्देश्य नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए सबसे व्यापक मंच के रूप में सेवा करना और एयरलाइंस, निर्माताओं, निवेशकों, विक्रेताओं, कार्गो, अंतरिक्ष उद्योग, बैंकिंग संस्थानों, कौशल विकास एजेंसियों, केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों से वैश्विक नेताओं को शामिल करते हुए वैश्विक विमानन पारिस्थितिकी तंत्र से एक विशद प्रतिनिधित्व देखना है।
भारत में विदेशी मिशनों, राज्य सरकारों, विमानन उद्योग और मीडिया को घटना के महत्व के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित 'विंग्स इंडिया 2024 का पूर्वावलोकन में नागर विमानन सचिव राजीव बंसल, फिक्की के महासचिव शैलेष पाठक भी मौजूद थे।
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