सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल का नाम, जानिए क्या है इसका इतिहास?
राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार के द्वारा हाल ही में नई दिल्ली में स्थित नेहरु मेमोरियल का नाम बदल दिया गया है। सरकार ने अब इस स्थान को पीएम मेमोरियल का नाम दिया गया है। यानि नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसायटी के नाम से पहचाना जाएगा। इस सोसायटी में 29 सदस्य हैं। जीके उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह और अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री हैं। हालांकि जहां एक ओर बीजेपी में इस फैसले की ख़ुशी है तो वहीं कांग्रेस इस कदम पर नाराजगी जाहिर करती नजर आ रही है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस मेमोरियल का क्या इतिहास है?
कब बना था यह परिसर?
साल 1929-30 में ब्रिटिश शासन के दौरान इस परिसर का निर्माण एडविन लुटियंस की शाही राजधानी के हिस्से के रूप में किया गया था। शुरुआत में यह परिसर भारत में कमांडर इन चीफ का अधिकारिक निवास हुआ करता था। लेकिन देश की आज़ादी के बाद साल 1948 में यह तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु का अधिकारिक निवास बना दिया गया। बाद में पंडित नेहरु के निधन के बाद इस परिसर को तत्कालीन सरकार के द्वारा देश के पहले प्रधानमंत्री को समर्पित कर दिया गया। लेकिन नेहरु की 75वीं जयंती पर देश के तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन ने इस परिसर को राष्ट्र के नाम कर दिया और इसे नेहरु मेमोरियल का दर्जा दे दिया गया। इसके उपरांत यहां व्यवस्था संभालने के लिए NMML सोसायटी को बनाया गया।
क्यों बदला गया नाम?
गौरतलब है कि यह मेमोरियल देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के द्वारा देशहित में किए गए कार्यों और उनकी यात्रा को दर्शाता है। ऐसे में हर प्रधानमंत्री के योगदान को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सरकार ने इसका नाम नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी से बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड सोसायटी किया है।
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