फ्रांसीसी हैकर का दावा आरोग्य सेतु ऐप असुरक्षित, सरकार ने दिया जवाब

फ्रांस के एक एथिकल हैकर ने कहा- आरोग्य सेतु ऐप से 9 मिलियन लोगों की निजता असुरक्षित। जिसका केंद्र सरकार ने खंडन कर जवाब दिया।
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राजएक्सप्रेस। फ्रांस के एक एथिकल हैकर जिसका नाम इलियट एल्डरसन है, ने मंगलवार को ट्विटर के माध्यम से भारतीय अधिकारियों को कोरोना ट्रैकिंग ऐप आरोग्य सेतु में कुछ सुरक्षा सम्बंधित खामियों के बारे में बताया। हैकर ने कहा- ऐप में कुछ सुरक्षा सम्बंधित खामियां मिली हैं, जिससे 9 मिलियन भारतीयों की निजता को खतरा है। इसके बाद भारतीयों अधिकारियों ने बुधवार सुबह इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि अभी तक डाटा चोरी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है और इससे भारतीय नागरिकों की निजता को कोई खतरा नहीं है।

इस हैकर ने किसी अज्ञात प्‍वाइंट के साथ बने ट्राइएंगल का जिक्र करते हुए सरकार से कुछ सवाल पूछे थे। सरकार की प्रतिक्रिया से स्पष्ट रूप से नाखुश इस हैकर ने कुछ घंटे पहले अपने ट्वीट में फिर कहा -

मूल रूप से, आपने कहा "यहाँ देखने के लिए कुछ भी नहीं"
हम देख लेंगे।
मैं कल आपके पास वापस आऊंगा।

हैकर ने अपने पहले ट्वीट में कहा था-

"HI आरोग्य सेतु,

आपके ऐप में सुरक्षा से जुड़ा एक मुद्दा पाया गया है। 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है क्या आप मुझसे निजी रूप से संपर्क कर सकते हैं?

सादर

PS: राहुल गांधी सही थे.,"

इस ट्वीट के करीब एक घंटे बाद हैकर ने ये स्वीकार किया कि भारत सरकार ने उससे संपर्क किया है। इंडियन कंप्‍यूटर इमरजेंसी रिस्‍पांस टीम और नेशनल इन्‍फोर्मेटिक्‍स सेंटर ने हैकर से संपर्क किया था। हैकर ने उस समय सरकार से चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि जब तक सुरक्षा मानकों की खामियों को ठीक नहीं किया जाता, वो सारी जानकारी सार्वजनिक करते रखेंगे। हैकर ने ये भी कहा कि, "90 मिलियन भारतीय नागरिकों के मेडिकल डेटा को जोखिम में डालना कोई विकल्प नहीं है। मेरे पास ज्‍यादा धैर्य नहीं है, इसलिए उचित समय पर में इसका खुलासा करूंगा।

गौरतलब है कि हैकर ने अपने पहले ट्वीट में राहुल गाँधी को सही बताया था और राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट किया था कि "आरोग्य सेतु ऐप एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।

आपको बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप लोकेशन, मेडिकल हिस्‍ट्री और ट्रेवल हिस्‍ट्री के आधार पर कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित होने वालों की संभावनाओं का मूल्यांकन करता है। यह यूजर के संपर्क का पता लगाने के लिए ब्लूटूथ और जीपीएस का उपयोग करता है। सरकार अब तक, कई बार भारतीय नागरिकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए 'आरोग्‍य सेतु एप' डाउनलोड करने पर जोर दे चुकी हैं।

इतना ही नहीं हाल ही में, सरकारी कर्मचारियों को ये आदेश भी दिए गए थे कि वे ऐप डाउनलोड करें और काम पर आने से पहले इसकी जांच करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में नागरिकों से ये ऐप डाउनलोड करने का आग्रह कर चुके हैं।

भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 49 हजार के पार पहुंच चुके हैं और 1600 से ज्यादा लोगों की इस वायरस की वजह से जान भी जा चुकी है।

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