उत्तर प्रदेश। हाल ही में उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका के द्वारा उन्होंने कोर्ट से ईएसआई मांग की थी कि, कुरान से ऐसी 26 आयतों को हटा दिया है, जो उनके अनुसार ‘आतंकवाद और जिहाद को बढ़ावा देने वाली हैं।’ इस मांग के बाद उनके खिलाफ काफी विरोध हुए। वहीं, एक वकील ने तो उनका सर करने पर इनाम की घोषणा तक कर डाली। वहीं, अब उस वकील के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है।
वसीम रिजवी मामला :
दरअसल, शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहना है कि, कुरान में ऐसी 26 आयत है जो देशभर में आतंकवाद और जिहाद को बढ़ावा दे रही है। इसलिए उन आयातों को हटा दिया जाए। उनकी इस मांग से पूरा शिया समाज उनसे नाराज है साथ ही उनके खिलाफ कई जगह तो फतवे भी जारी किए जा चुके हैं, एसी ही एक घोषणा एक वकील ने की थी। वकील ने घोषणा कर कहा था कि, 'वसीम रिजवी का सिर काटने वाले को कथित रूप से 11 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।' हालांकि, अब इस मामले में उस वकील के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। अब इस मामले में विवध और अधिक बढ़ रहा है। इतना ही नहीं शिया समाज ने तो उनके शिया न होने की भी बात कह डाली है।
कौन है यह वकील :
बताते चलें, जिस वकील के खिलाफ FIR दर्ज की गई है वो, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमीरुल हसन जैदी है। उन्होंने रिजवी की इस मांग को समुदाय के धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने ने 13 मार्च को सिविल लाइन इलाके के आईएमए हॉल में आयोजित हुए एक कार्यक्रम के दौरान रिजवी का सिर काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा तक कर डाली थी। उनके एसा भाषण देने के बाद उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसी के बाद सक खिलफ FIR दर्ज की गई है।
इन धाराओं के तहत दराज हुआ मामला :
वकील अमीरुल हसन के इस ‘आपत्तिजनक’ भाषण का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) और 506 के तहत FIR दर्ज की गई है। यह मामला सब-इंस्पेक्टर कपिल कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इसके अलावा वसीम रिजवी के भाषण की सीडी भी फॉरेंसिंक साइंस लेबोरेटी में जांच के लिए भेजी जाएगी। इस मामले में मुरादाबाद के एएसपी अमित कुमार आनंद ने कहा कि, 'जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को अभी हसन का बयान दर्ज करना है। साथ ही उनके भाषण की सीडी भी फॉरेंसिंक साइंस लेबोरेटी में जांच के लिए भेजी जाएगी।'
21 दिनों के भीतर मांगें माफी :
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा सोमवार को उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की कुरान शरीफ से 26 आयतें हटवाने की मांग को खारिज कर दिया गया है। साथ ही कहा है कि, 'रिजवी 21 दिनों के भीतर माफी मांगें और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया जाएगा। आयोग पवित्र कुरान की कुछ आयतों को हटाने के संदर्भ में दिए गए आपके बयान को खारिज करता है और इसकी निंदा करता है।' जबकि, उनकी इस मांग के बाद आयोग ने रिजवी को एक नोटिस भी भेजा है जिसमें कहा गया है कि, 'मीडिया में आई उनकी टिप्पणियां देश में सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को खराब करने की ‘सोची-समझी साजिश’मालूम पड़ती हैं। यह हमारे राष्ट्रीय हित और भाईचारे के भी खिलाफ है तथा इस तरह के कृत्य के लिए दंडात्मक कार्रवाई का कानूनी प्रावधान है।'
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