किसान नेता का ऐलान- कल हम लोहड़ी मनाकर तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून पर स्टे लगाने के साथ ही कमेटी गठित की, जिसपर किसान नेता ने कहा-हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं।
किसान नेता का ऐलान- कल हम लोहड़ी मनाकर तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे
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दिल्‍ली, भारत। कृषि बिल के खिलाफ मचेे घमासान पर सरकार और किसान संगठनों में कोई समझौता ना होते देख आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के अमल होने पर अभी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब किसान नेताओं के बयान आ रहेे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून पर स्टे लगाने के साथ ही कमेटी का गठन किया, इस पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि, ''सरकार अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध कल दिया था। हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं।''

कल लोहड़ी मनाएंगे किसान :

तो वहीं, किसान नेता दर्शन पाल ने ये ऐलान किया है कि, ''कल हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें हम तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला दिवस है और 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव है।''

26 जनवरी का प्रोग्राम शांतिपूर्ण होगा :

इतना ही नहीं बल्कि बलबीर सिंह राजेवाल द्वारा ने ये दावा भी किया है कि, ''हमारा 26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे किसी दुश्मन देश पर हमला करना हो, ऐसी गैर ज़िम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं हैं। 26 जनवरी के प्रोग्राम की रूपरेखा हम 15 जनवरी के बाद तय करेंगे।''

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैट ने कहा था कि, ''सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रति जो सकारात्मक रुख दिखाया है, उसके लिए हम आभार व्यक्त करते हैं। किसानों की मांग कानून को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नही होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।"

बता दें कि, आज मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली बेंच ने कृषि विरोधी कानून पर स्टे और कमेटी गठन का फैसला सुनाया है।

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