हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश के बीच किन्नौर जिले में महसूस हुए भूकंप के झटके
हिमाचल प्रदेश, भारत। इन दिनों देश के कई राज्य और प्रदेश भारी बारिश के चलते जल मग्न होते नजर आ रहे हैं। जिसके चलते कई तरह की घटनाएं और हादसे भी होने का खतरा लगातार बना हुआ है। वहीं, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी भारी बारिश का कहर लगातार जारी है। यह पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां तेज बारिश के साथ ही प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप का भी डर हमेशा बना रहता है। जिससे लोगों की मुश्किलें व डर और अधिक बढ़ जाता है। वहीं, आज शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश से भूकंप के झटके महसूस किए जाने की खबर सामने आई है।
भूकंप की तीव्रता और केंद्र :
बताते चलें, हिमाचल प्रदेश में आज शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटके हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में महसूस हुए हैं। हल्के झटकों से लोगों को अपने घरों में कुछ कंपन महसूस हुआ जिसके बाद वह लोग घरों से बाहर आकर खड़े हो गए। फ़िलहाल किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी -NCS) के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है। इन भूकंप के महसूस किये जाने की जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा साझा की गई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में आए इस भूकंप का केंद्र किन्नौर जिले में पांच किलोमीटर की गहराई में बताया जा रहा है। यहां यह भूकंप के झटके दोपहर करीब 12 बजकर दो मिनट पर महसूस किए गए।
भूकंप की स्थिति में क्या करें, क्या न करें
भूकंप आने पर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
भूकंप के झटके महसूस बंद होने तक बाहर ही रहें।
यदि आप गाड़ी चला रहे हो तो गाड़ी को रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें।
पुल या सड़क पर जाने से बचें।
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।
यदि आप घर से बाहर नहीं निकल सकते तो, घर के किसी कोने में चले जाएं।
घर में कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें।
क्यों आता है भूकंप :
भूकंप के बारे में आए दिन ही खबरें लगातार सामने आ रही हैं, किसी न किसी राज्य में भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। ऐसे में बार-बार भूकंप के चलते मन में सवाल आता ही होगा कि, आखिर क्यों बार-बार भूकंप के झटके लग रहे हैं। दरअसल, धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती है। इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपित हो जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
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