हाइलाइट्स:
राजस्थान में डेंगू का कहर
राजस्थान में 20 से 3 नवंबर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान
राजस्थान में डेंगू से अब तक 10 लोगों की मौत
राजस्थान, भारत। देश के राज्यों में अभी तक महामारी कोरोना वायरस के आंतक ने परेशान कर था, जो अब कम ही हुआ था कि, डेंगू का कहर मचने लगा, जिससे लगातार डेंगू के मामलों की पुष्टि हो रही है। डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के चलते राजस्थान में डेंगू मुक्त के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने की बैठक :
दरअसल, राजस्थान सरकार ने बुधवार से 'डेंगू मुक्त राजस्थान' अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके तहत सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष व विशेष टीमें गठित की गई हैं, साथ ही चिकित्साकर्मियों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। आज मंगलवार को ही राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश के सभी चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) और विभाग से जुड़े अधिकारियों संग बैठक कर इसे कंट्रोल करने पर चर्चा की और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ मौसमी बीमारियों, कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण व जांच तथा ऑक्सीजन संयंत्र आदि की विभागीय तैयारियों व प्रगति की समीक्षा की।
तो वहीं, राजस्थान में डेंगू मामले पर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया- डेंगू के ख़िलाफ़ स्वास्थ्य विभाग प्रभावी नियंत्रण के लिए डोर टू डोर सर्वे, फॉगिंग का काम कर रहा है। मरीजों को बेड मिले ये सरकार की ज़िम्मेदारी है और उसे हम सुनिश्चित करेंगे। राजस्थान में डेंगू से अब तक 10 लोगों की मौत हुई है।
चिकित्सा मंत्री द्वारा दिए गए निर्देश :
प्रदेश के सभी जिलों के CMHO को मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए 20 अक्टूबर से 3 नवंबर तक 'डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान 'चलाने के निर्देश दिए।
हर जिले में एक कंट्रोल रूम और रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन करने के लिए कहा है, जो 24×7 समय चले और लोग उन पर फोन करके मौसमी बीमारियों संबंधी जानकारी और उनके बचाव के बारे में परामर्श ले सकें।
साथ ही सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि, वे उन जगहों पर तेजी से एक्टिव हो जाएं, जहां सबसे ज्यादा डेंगू और मलेरिया के केस आ रहे हैं। जिन घर या मोहल्ले में डेंगू का केस मिले उस घर के आसपास 50 घरों में एंटीलार्वा का छिड़काव करें और फॉगिंग करवाएं।
सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), उप जिला अस्पतालों पर आने वाले मरीजों को आउट डोर के साथ-साथ इंडोर उपचार देने के भी निर्देश दिए और इन बीमारियों में काम आने वाली जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के लिए कहा।
साथ ही, प्रभावी क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे करवाकर मरीजों की पहचान करने के भी निर्देश दिए।
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