हाइलाइट्स :
पोस्टर, पैम्फलेट के वितरण में नहीं होगा बच्चों का उपयोग।
निर्देशों का उल्लंघन करने पर ECI ले सकता है एक्शन।
भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार कोजारी की प्रेस रिलीज।
ECI Guidelines : नई दिल्ली। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बच्चों का किसी भी तरह से चुनावी अभियान और रैलियों में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। ऐसे निर्देश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में बच्चों के उपयोग के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे चुनाव प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल न करें। पोस्टर, पैम्फलेट के वितरण में भाग लेने सहित किसी भी रूप में नारेबाज़ी, प्रचार रैलियाँ, चुनावी सभाएँ आदि के दौरान बच्चों के किसी भी तरीके से उपयोग के प्रति 'शून्य सहनशीलता' की बात कही गई है। ECI ने प्रेस रिलीज के माध्यम से इस संबंध में कुछ गाइडलाइन भी जारी की है।
इन प्रतिबंधों में बच्चे को गोद में लेना, बच्चे को वाहन में ले जाना आदि भी शामिल है। चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार कविता, गीत, बोलचाल के माध्यम से उपयोग सहित किसी भी तरीके से राजनीतिक अभियान में बच्चों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। हालाँकि, किसी राजनीतिक नेता के निकट अपने माता - पिता या अभिभावक के साथ एक बच्चे की उपस्थिति, जो राजनीतिक दल द्वारा किसी भी चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है, को दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
इसके पहले चुनाव आयोग ने राजनेताओं से सार्वजनिक भाषणों में विकलांग व्यक्तियों (PWD) के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था। आयोग का कहना था कि, किसी भी राजनीतिक दल के सदस्यों और उनके उम्मीदवारों द्वारा ऐसे शब्दों का इस्तेमाल विकलांग लोगों के अपमान के रूप में समझा जा सकता है। चुनाव आयोग ने एडवाइजरी जारी करते हुए मंदबुद्धि, गूंगा और बहरा जैसे कुछ शब्दों का उदहारण भी दिया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।
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