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भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो पीलीभीत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे वरुण गांधी

इस बार पीलीभीत सीट से टिकट कटने की आशंकाओं के बीच वरुण गांधी ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।
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हाईलाइट्स

  • वरुण ने स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की, गांवों में उतारी टीम

  • मां व अपना टिकट कटने की आशंकाओं के बीच वरुण ने शुरू की आरपार की लड़ाई

  • 500 से ज्यादा युवाओं को पीलीभीत की सभी 5 विस के चुनाव प्रचार के लिए उतारा

राज एक्सप्रेस। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इस बार पीलीभीत सीट से टिकट कटने की आशंकाओं के बीच वरुण गांधी ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की अभी से तैयारी शुरू कर दी है। वरुणा गांधी तीन बार से सांसद हैं। पार्टी के आंतरिक सूत्रों के अनुसार इस बार उनका और उनकी मां मेनका गांधी का टिकट काटा जा सकता है। इन्हीं कयासबाजियों के बीच उन्होंने पीलीभीत लोकसभा सीट पर अपनी ताकत जुटानी शुरू कर दी है। पीलीभीत सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए उन्होंने जिस रणनीति पर काम शुरू किया है, वह भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकती है। वरुण गांधी ने लोकसभा क्षेत्र में बने कार्यालयों पर भाजपा के पोस्टर तो लगाए हैं, लेकिन सांसद ने अपनी एक अलग टीम भी बनानी शुरू की है, जो उनके पक्ष में चुनाव प्रचार कर रही है।

चुनाव प्रचार में उतारी अपनी टीम

वरुण ने युवाओं की इस फौज को लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी पांच विधानसभा सीटों में चुनाव प्रचार के लिए उतार दिया है। युवाओं की इस टीम के कार्यकर्ता खुद को भाजपा से अलग टीम वरुण गांधी का सदस्य बताते हैं। मतलब साफ है। पीलीभीत में वरुण अपनी पहचान भाजपा सांसद से इतर पीलीभीत के सांसद के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें यह संदेश एकदम स्पष्ट है कि अगर भाजपा ने उनका टिकट काटा, तो वे अपने दम पर चुनाव मैदान में उतर कर भाजपा प्रत्याशी को तगड़ी टक्कर दे सकते हैं।

लोगों की समस्याएं सुलझा रहे हैं यूथ ब्रिगेड के सदस्य

लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार को लेकर वरुण गांधी ने 500 से ज्यादा युवाओं को पीलीभीत के चुनाव प्रचार के लिए उतारा है। यूथ ब्रिगेड में स्थानीय स्तर के कुछ लड़कों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में बाहर से भी युवाओं को लाया गया है। टीम वरुण गांधी के ये सदस्य बीबीए, एमएबीए, स्नातक्र, पीजी और इंजीनियरिंग के छात्र हैं। इन ज्यादातर छात्रों का संबंध ग्रामीण परिवारों से है।

इन सभी को आईटी सेल की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर मिशन 2024 पर काम शुरू कर दिया है। यूथ ब्रिगेड के सदस्य लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। इसके बाद स्थानीय स्तर पर अधिकारियों के साथ मिलकर इसका समाधान कराया जा रहा है। इन कार्यों के जरिए क्षेत्र में वरुण गांधी अपनी पकड़ और पहचान दोनों बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।

चुनाव प्रचार के लिए सभी 5 विधानसभा क्षेत्रों खोले दफ्तर

वरुण गांधी यूथ ब्रिगेड की शाखाएं लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी पांच विधानसभा सीटों में खोली गई हैं। यूथ ब्रिगेड के सदस्य लोगों से मिलते हैं। बहुत बड़े पैमाने पर व्हाट्सएप ग्रुप पर लोगों को जोड़ा जा रहा है। उनकी समस्याएं सुनी जाती हैं। बिजली बिल, किसान लोन, पशु लोन, पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, पेंशन स्कीम जैसी योजनाओं में लोगों को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए यह टीम दिन रात काम कर रही है।

स्थानीय लोगों को पुलिस के स्तर पर होने वाली परेशानियों का भी यूथ ब्रिगेड समाधान कर रही है। थानों से लोगों को मदद दिलाई जा रही है। लोगों से सीधे अपने स्तर पर कनेक्ट कर वरुण गांधी क्षेत्र में अपने स्तर पर पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि अगर भाजपा उन्हें टिकट नहीं दे, तो भी वे अपने स्तर से इस सीट पर अपनी जीत दर्ज कर सकें। उनकी यह तैयारी निश्चित रूप से भाजपा को परेशान करने वाली है।

केंद्र व राज्य सरकार पर हमलावर हैं वरुण

वरुण गांधी केंद्र और प्रदेश की सरकार पर लगातार हमला बोलते रहे हैं। अल्पसंख्यकों को लेकर अक्सर अपने विवादित बयान देने वाले फायरब्रांड वरुण गांधी ने हाल के दिनों में अपने बयानों में बदलाव किया है। इन दिनों वह विभिन्न मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते दिखाई दे रहे हैं। वह भाजपा सरकार की सीधे आलोचना करते हैं, जबकि वह स्वयं भाजपा सांसद हैं। यह उनकी सोची-समझी योजना का हिस्सा है। जिसके जरिए वह क्षेत्र में अपनी छवि को अलग रूप देने में जुट गए हैं।

तीन बार से वरुण, 8 बार से मेनका गांधी सांसद

पीलीभीत से एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारने का दावा करने वाले वरुण गांधी जानते हैं कि इस बार उनका टिकट काटा जा सकता है। वह तीन बार से सांसद हैं और उनकी मां मेनका गांधी लगातार 8 बार से सांसद हैं। वरुण जानते हैं कि उन्हें इस बार शायद टिकट न मिले, इसी लिए उन्होंने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने अपनी टीम के साथ पीलीभीत की विधानसभाओं में जोरदार चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। वह अधिक से अधिक लोगों से सीधे मिलने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि स्थानीय लोग उन्हें क्षेत्रीय सांसद के रूप में स्वीकार करने में परहेज न करे।

मुजफ्फरनगर मुद्दा भी उठाया

वरुण गांधी ने मुजफ्फरनगर का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया है। ज्ञात हो कि मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में मासूम बच्चे के साथियों की पिटाई का मुद्दा इस समय खास गरमाया हुआ है। इसको लेकर राहुल गांधी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोल चुके हैं।

वरुण गांधी ने भी इस पर कहा है कि ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा भाव ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। शिक्षक वह माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर व्यक्तित्व ही नहीं राष्ट्र गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से पड़े एक शिक्षक से कहीं अधिक उम्मीदें हैं। देश के भविष्य का सवाल है। वरुण गांधी ने दूषित राजनीति के जरिए वर्तमान राजनीतिक माहौल पर तंज कसा है।

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