खड़गे और सीतारमणा के बीच नोकझोंक
खड़गे और सीतारमणा के बीच नोकझोंकRaj Express

नई संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर हंगामा-खड़गे और सीतारमणा के बीच नोकझोंक

नई संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर जमकर हंगामा हुआ, इस दौरान राज्यसभा में खड़गे बोले- दलित और पिछड़ी जाति की महिलाओं को वो मौका नहीं मिलता, जो बाकी सब को मिलता है।
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दिल्‍ली, भारत। नई संसद भवन में आज महिला आरक्षण बिल (Women's Reservation Bill) पर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान राज्यसभा में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने महिला आरक्षण बिल में OBC को आरक्षण ना मिलने के मुद्दे को उठाया। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे और निर्मला सीतारमण के बीच नोकझोंक भी हुई।

राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है :

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि, राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं। वे हमें श्रेय नहीं देते, लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था, लेकिन इसे रोक दिया गया था।

दलित और पिछड़ी जाति की महिलाओं को वो मौका नहीं मिलता, जो बाकी सब को मिलता है।  मैं इस बिल का स्वागत करता हूं। यह बिल लोकसभा में 2010 में पास हो चुका है। मैं कोशिश कर रहा था कि, जो कानून बने, उसका लाभ गरीबों को, महिलाओं को मिले। मैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए बोल रहा था, लेकिन वो बीच में बोलने लगे। आपके राज में फेडरल स्ट्रक्टर कमजोर हो रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर निर्मला सीतारमण का जवाब :

तो वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जवाब देते हुए कहा कि, "हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियाँ उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री जी, हम सभी को हमारी पार्टी ने सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं।  देश की राष्ट्रपति कौन हैं? वे ट्राइबल समाज से आने वाली महिला हैं। जिस पार्टी के आप अध्यक्ष हैं, उसमें कई सालों तक एक महिला ही अध्यक्ष रही हैं।''

तो वहीं, सत्‍ता व विपक्ष की नोकझोक के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दोनों पक्षों को शांत कराते हुए कहा- आज ऐतिहासिक दिन है। इसको हंगामे की भेंट न चढ़ाएं। यह मुद्दा बहुत जरूरी है, कई प्रयास हुआ लेकिन यह बिल पास नहीं हो सका।

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