हाइलाइट्स
याचिका में कहा, कृषि विश्वविद्यालय नई किस्म उपलब्ध कराएं।
MSP, सरकारी खरीद के अभाव में किसानों की हालत दयनीय।
इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में।
Supreme Court Seeks Reply on Petition to Fix MSP : दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा। जिसमें किसानों द्वारा उगाई जाने वाली वैकल्पिक फसलों के लिए समय-समय पर बढ़ोतरी और सरकार द्वारा उनकी खरीद शामिल है। जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र, पंजाब और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि विश्वविद्यालय और आईसीएआर से नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी।
वकील चरणपाल सिंह बागड़ी की याचिका में बागड़ी ने सुझाव दिया, एमएसपी उच्च दरों पर होना चाहिए और एक शर्त लगाई जानी चाहिए कि किसानों को सीमित मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए ताकि नागरिकों को जैविक फसलें प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि एमएसपी और सरकारी खरीद के अभाव में किसानों की हालत दयनीय है, जो आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
वकील चरणपाल सिंह बागड़ी की याचिका में कहा कि, धान की फसल ने मुख्य रूप से तीन बाधाएं पैदा की हैं, भूमिगत पीने योग्य पानी की तेजी से कमी, पराली के कारण प्रदूषण और धान के मौसम के दौरान अतिरिक्त धान के भंडारण के लिए राज्य पर वित्तीय बोझ पैदा करना। इसलिए, किसानों को प्रत्येक फसल का MSP तय करके भौगोलिक स्थिति और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार नई फसलें प्रदान की जानी चाहिए। इसके अलावा याचिका में यह प्रार्थना की गई कि, कृषि विश्वविद्यालय नई किस्म उपलब्ध कराएं, इसके साथ ही अन्य फसलों के बीज जो विदेशों से आयात किये जाते हैं।
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