स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जानें संबोधन में क्या-क्या कहा...
हाइलाइट्स :
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति ने 'स्वच्छता से समृद्धि' की राह पर आगे बढ़ने के लिए सभी की सराहना की
स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसी डंप-साइटों को खत्म किया जा रहा है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
दिल्ली, भारत। नई दिल्ली में आज गुरुवार (11 जनवरी, 2024) को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह आयोजित हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए और इस अवसर पर उन्होंने 'स्वच्छता से समृद्धि' की राह पर आगे बढ़ने के लिए सभी की सराहना की। साथ ही उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि, स्वच्छता अभियान महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर पैदा कर रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ''व्यापक भागीदारी के साथ आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे सफाई मित्र हमारे स्वच्छता अभियान के अग्रिम पंक्ति के सैनिक रहे हैं। मशीनीकृत सफाई के माध्यम से मैनहोल को खत्म करके और मशीन-होल के माध्यम से स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करके ही हम एक संवेदनशील समाज के रूप में अपनी असली पहचान स्थापित कर पाएंगे। सर्कुलर इकोनॉमी की अधिक से अधिक वस्तुओं के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के तरीके सतत विकास के लिए मददगार साबित हो रहे हैं।''
यदि हम अपशिष्ट से मूल्य की अवधारणा पर गहराई से विचार करें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सब कुछ मूल्यवान है, कुछ भी अपशिष्ट नहीं है। हरित कचरे से बायोगैस बनाने और कूड़े से प्राप्त ईंधन से बिजली बनाने के पीछे यही समग्र और प्रगतिशील सोच काम करती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा कि, ''हमारी लगभग एक-तिहाई आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। शहरों और कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है। बड़ी मात्रा में शहरी भूमि कूड़े के पहाड़ों के नीचे दबी हुई है। कूड़े के ऐसे पहाड़ शहरी आबादी के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। यह जानकर खुशी हुई कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसी डंप-साइटों को खत्म किया जा रहा है। विश्वास है कि, सभी शहरी क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किया जायेगा तथा जीरो डंप-साइट का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। युवा हमारे सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं। अगर युवा पीढ़ी सभी शहरों और पूरे देश को स्वच्छ रखने की ठान ले तो 2047 का भारत निश्चित ही दुनिया के सबसे स्वच्छ देशों में शामिल होकर अपनी आजादी की शताब्दी मनाएगा। उन्होंने देश के सभी युवाओं से भारत को दुनिया का सबसे स्वच्छ देश बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।''
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