ILBS दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
ILBS दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू Raj Express

ILBS दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कहा- निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत

लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान के 9वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, संतुलित जीवन-शैली को अपनाने से शरीर का आंतरिक संतुलन बना रहता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है।
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हाइलाइट्स :

  • नई दिल्ली में लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान के 9वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • संतुलित जीवन-शैली को अपनाने से शरीर का आंतरिक संतुलन बना रहता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • राष्ट्रपति का कहना, अपनी देखभाल करके ही आप दूसरों की देखभाल करने में सक्षम बने रहेंगे

दिल्ली, भारत। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज बुधवार को नई दिल्ली में लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान (ILBS) के 9वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आईएलबीएस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लर्निंग यूनिट की स्थापना को सामयिक पहल बताया और आईएलबीएस से इलाज के साथ-साथ शोध के क्षेत्र में भी काम जारी रखने का आग्रह किया।

लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान के 9वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, ''अपेक्षाकृत कम खर्च पर विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके ILBS जैसे संस्थानों के बल पर भारत एक international healthcare hub के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है। संतुलित जीवन-शैली को अपनाने से शरीर का आंतरिक संतुलन बना रहता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है। सबके रोगमुक्त होने के लक्ष्य को पाने के लिए ‘preventive healthcare’ पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।''

पर्याप्त संख्या में organs के उपलब्ध न होने के कारण बहुत से मरीज liver या kidney transplant अथवा किसी अन्य transplant से वंचित रह जाते हैं। हमारे देश में organ donation यानी देह-दान के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े से बड़े पैमाने पर अधिक से अधिक जागरूकता अभियानों को आयोजित करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • अपनी देखभाल करके ही आप दूसरों की देखभाल करने में सक्षम बने रहेंगे। यह जरूरी है कि, सभी चुनौतियों के बावजूद आप सब शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ और सजग बने रहें।

  • आईएलबीएस ने विश्व स्तरीय दक्षता और अखंडता के बल पर केवल 13 वर्षों की अवधि में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आईएलबीएस में 1000 से अधिक लीवर प्रत्यारोपण और लगभग 300 गुर्दे प्रत्यारोपण किए गए हैं। भारत अपेक्षाकृत कम लागत पर विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके आईएलबीएस जैसे संस्थानों के बल पर एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा केंद्र बन रहा है।

  • निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, कहा जा सकता है कि लिवर हमारे शरीर का सुरक्षा गार्ड है। हमारे देश में लिवर से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर हैं और इनसे होने वाली बीमारियों की भारी संख्या चिंता का कारण है। उम्मीद है कि, आईएलबीएस लीवर रोगों की रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

  • पर्याप्त संख्या में अंगों की अनुपलब्धता के कारण कई मरीज़ लीवर, किडनी या किसी अन्य प्रत्यारोपण से वंचित रह जाते हैं। दुर्भाग्य से अंगदान से जुड़ी अनैतिक प्रथाएं भी समय-समय पर प्रकाश में आती रहती हैं। इन समस्याओं का समाधान करना जागरूक समाज की जिम्मेदारी है। हमारे देश में लोगों को अंगदान के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

आगे राष्ट्रपति ने डॉक्टरों को अपना ख्याल रखने की सलाह देते हुए यह भी कहा कि, ''लंबे समय तक ड्यूटी, लगातार आपातकालीन मामलों और रात्रि ड्यूटी जैसी चुनौतियों के बीच उन्हें पूरी सतर्कता और उत्साह के साथ लगातार मरीजों की सेवा करनी है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद वे सभी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ और सतर्क रहें।''

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