रोजगार मेले के तहत PM मोदी ने 51 हजार युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र व संबोधन में कहीं ये बातें...
दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजगार मेले के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में नए भर्ती हुए कर्मचारियों को लगभग 51,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। साथ ही इस अवसर पर इन नियुक्त व्यक्तियों को संबोधित भी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा- आजादी के इस अमृतकाल में, देश की आजादी के और देश के कोटि-कोटि जनों के अमृतरक्षक बनने पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई। यह रोजगार मेला ऐसे समय में मनाया जा रहा है जब देश गौरव और आत्मविश्वास से भरा हुआ है... ऐसे समय में आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलने जा रहे हैं। मैं सभी सफल उम्मीदवारों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं। आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल रहा है, वो देश की सेवा के साथ-साथ देश के नागरिकों की रक्षा भी करेंगे। इसलिए एक तरह से आप इस अमृतकाल के जन और अमृतरक्षक भी हैं।
इस बार रोजगार मेले का ये आयोजन एक ऐसे माहौल में हो रहा है, जब देश गर्व और आत्मविश्वास से भरा हुआ है। हमारा चंद्रयान और उसका रोवर प्रज्ञान लगातार चंद्रमा से ऐतिहासिक तस्वीरें भेज रहा है। ऐसे समय में आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। सेना में आकर सुरक्षा बलों के साथ जुड़कर, पुलिस सेवा में आकर हर युवा का सपना होता है वो देश की रक्षा का प्रहरी बने, इसलिए आप पर बहुत बड़ा दायित्व होता है। इसलिए आपके जरूरतों के प्रति भी हमारी सरकार बहुत गंभीर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आवेदन से लेकर चयन तक की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा अब 13 स्थानीय भाषाओं में भी करायी जा रही है। इस बदलाव से लाखों युवाओं के लिए रोजगार पाने के अवसर खुल गए हैं। युवा सेना में शामिल होकर अपने देश की रक्षा करने का सपना देखते हैं।
हमने अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं... अर्धसैनिक बलों के लिए परीक्षा अब 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाती है। पहले, केवल अंग्रेजी और हिंदी के लिए प्रावधान थे, लेकिन अब परीक्षा मातृभाषा में भी उपलब्ध है।
आप यूपी का उदाहरण ले सकते हैं- कभी यूपी विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे था। लेकिन अब कानून का राज स्थापित होने से यूपी विकास की नई ऊंचाई छू रहा है।
किसी भी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने के लिए ये जरूरी है कि देश के हर सेक्टर का विकास हो। फूड से लेकर फार्मा तक, स्पेस से लेकर स्टार्टअप तक, जब हर सेक्टर आगे बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ेगी। पिछले साल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में हजारों आदिवासी छात्रों की भर्ती की गई थी. उन्हें नियमों से छूट दी गई ताकि वे विकास की मुख्य धारा से जुड़े रह सकें।
सीमावर्ती जिलों और उग्रवाद प्रभावित स्थानों के युवाओं के लिए कांस्टेबल प्रवेश परीक्षा का कोटा बढ़ा दिया गया है। भारत में आज इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है। पिछले 9 साल में केंद्र सरकार ने 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए हैं।
2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का योगदान 20 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि अकेले इस इंडस्ट्री से 13 से 14 करोड़ लोगों को नए रोजगार की संभावना बढ़ने वाली है। पिछले 9 वर्षों के हमारे प्रयासों से परिवर्तन का एक और नया दौर दिखने लगा है। पिछले साल भारत ने रिकॉर्ड एक्सपोर्ट किया। ये संकेत है कि दुनियाभर के बाजारों में भारतीय सामानों की डिमांड लगातार बढ़ रही है।
'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र पर चलते हुए भारत सरकार भी 'मेड इन इंडिया' लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे प्रॉडक्ट्स खरीदने पर जोर दे रही है। इससे मैन्यूफैक्चरिंग भी बढ़ी है और युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके भी बन रहे हैं।
एक दशक के भीतर भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। यह मोदी की गारंटी है... किसी भी अर्थव्यवस्था की समृद्धि के लिए यह जरूरी है कि हर क्षेत्र आगे बढ़े। आज ऑटोमोबाइल और ऑटो-कंपोनेंट्स इंडस्ट्री 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है... इस ग्रोथ को संभालने के लिए इंडस्ट्री को युवाओं की जरूरत होगी और इसलिए इस सेक्टर में रोजगार के पर्याप्त मौके होंगे।
9 साल पहले आज के ही दिन प्रधानमंत्री जन धन योजना लॉन्च की गई थी। इस योजना ने गांव और गरीब के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही रोजगार निर्माण में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत बीते 9 साल में 50 करोड़ से भी ज्यादा जन धन खाते खोले जा चुके हैं। भारत की वृद्धि सिर्फ संख्या के बारे में नहीं है, इसका असर हर नागरिक पर पड़ेगा। रोजगार के अवसर पैदा होने से आय बढ़ेगी और सभी के लिए जीवन की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
जन धन खातों ने गांवों में महिला सेल्फ हेल्प ग्रूप को भी मजबूत बनाने में बहुत मदद की है। कई महिलाएं तो लखपति दीदी बन गई हैं। इस योजना ने देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। "वोकल फॉर लोकल" के मंत्र पर चलते हुए भारत सरकार मेड-इन-इंडिया लैपटॉप और कंप्यूटर खरीदने पर जोर दे रही है। इससे विनिर्माण के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार भी बढ़ा है... यह युवा ही हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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