प्रधानमंत्री मोदी का 'टीम जी-20' के साथ संवाद
हाइलाइट्स :
भारत मंडपम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टीम जी-20 के साथ संवाद
जी-20 का सफल आयोजन हुआ, चारों तरफ से तारीफ ही तारीफ सुनने को मिल रही है- PM
कोई काम मेरे लिए छोटा नहीं है, ये मानकर चलिए तो सफलता आपके चरण चूमने लग जाती: PM मोदी
दिल्ली, भारत। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारत मंडपम से आज शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम जी-20 के साथ संवाद किया।
टीम G 20 के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जी-20 का सफल आयोजन हुआ। देश का नाम रोशन हुआ। चारों तरफ से तारीफ ही तारीफ सुनने को मिल रही है। इसके पीछे जिनका पुरुषार्थ है, जिन्होंने दिन रात इसमें खपाए हैं और जिनके कारण ये सफलता प्राप्त हुई वे आप सब हैं।
आप में से ज्यादातर वे लोग होंगे जिन्हें इससे पहले इतने बड़े कार्यक्रम का, इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी का अवसर ही नहीं आया था। आपको आयोजन की कल्पना भी करनी थी और समस्याओं के विषय में भी सोचना था...मेरा आप लोगों से आग्रह है कि आप जब से इस काम से जुड़े थे तब से लेकर जो-जो भी हुआ, अगर आप उसको रिकॉर्ड कर दें, लिख दें और कोई वेबसाइट तैयार करें। जिसमें आपके काम, आपके अनुभव को रिकॉर्ड किया जाए। भविष्य के कार्य के लिए इससे एक अच्छी गाइडलाइन तैयार हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आगे उन्होंने यह भी कहा कि, कोई काम मेरे लिए छोटा नहीं है, ये मानकर चलिए, तो सफलता आपके चरण चूमने लग जाती है। हमें साथ मिल कर काम करने के अवसर ढूंढने चाहिए। अगर सब लोग मिलकर काम करें तो देखिएगा कि माहौल एकदम बदल जाएगा, फिर आपको वो काम नहीं लगेगा, एक फेस्टिवल लगेगा।
सामूहिकता की एक शक्ति होती है। जब आप कोई काम अकेले करते हैं, तो मन के तरह-तरह के विचार आते हैं कि मैं ही सब काम करूं क्या? लेकिन जब आप सबके साथ होते हैं तो लगता है कि मेरे जैसे बहुत लोग हैं जिसके कारण सफलताएं मिलती हैं, जिनके कारण व्यवस्थाएं चलती हैं।
कुछ साल पहले, राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया था...यह देश की क्षमता को बढ़ाने का एक उत्कृष्ट अवसर था। हालाँकि, दुर्भाग्यवश, यह कार्यक्रम ऐसे मुद्दों में उलझ गया जिससे देश की बदनामी हुई....दूसरी ओर, हमारे पास G20 का एक उदाहरण है। संचयी प्रभाव के कारण देश ने दुनिया के सामने खुद को साबित किया और G20 आयोजन को सफल बनाया।
हमारे देश के सामने दो अनुभव हैं- एक कॉमनवेल्थ गेम्स- जिसका हम ब्रांडिंग कर देते, देश की पहचान बना देते, देश के सामर्थ्य को बढ़ा भी देते और देश के सामर्थ्य को दिखा भी देते, लेकिन दुर्भाग्य से वो इवेंट ऐसी चीजों में उलझ गया कि उसमें करने धरने वाले लोग भी बदनाम हुए, देश भी बदनाम हुआ और उससे देश में निराशा पैदा हुई। दूसरा है G20- इसमें ऐसा सामर्थ्य था कि विश्व को उसके दर्शन कराने में हमारी सफलता थी। इससे देश में एक ऐसा विश्वास पैदा हो गया है कि ऐसे किसी भी काम को देश अच्छे से अच्छे ढंग से कर सकता है।
भारत ने आज विश्व के अंदर विश्वास पैदा किया है कि मानव हित के कामों में आज भारत एक सामर्थ्य के साथ खड़ा है, संकट की हर घड़ी में वो दुनिया में पहुंचता है। जहां हम कभी दिखते नहीं थे, हमारा नाम तक नहीं होता था, इतने कम समय में हमने वो स्थिति प्राप्त की है।
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान करीब एक लाख लोगों ने भारत का दौरा किया और ये वो लोग थे जो देशों की नीति-निर्धारक टीम का हिस्सा थे। उन्होंने भारत की आतिथ्य सत्कार और विविधता देखी है। व्यक्ति निश्चित रूप से अपने देश में अपने अनुभव के बारे में चर्चा और बातचीत करेगा। इसका मतलब है कि वह व्यक्ति हमारे देश के पर्यटन राजदूत के रूप में काम करेगा।
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