INDI गठबंधन देश में सरकार बनाते हैं तो इस्लामिक कानून लागू होगा- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
हाइलाइट्स
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाया।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे इस्लामिक कानून की स्थापना बताया।
पूर्व CM येदियुरप्पा ने इसे मुस्लिम समुदाय को खुश करने का तरीका बताया।
कर्नाटक कानून मंत्री ने कहा - ये हमारी पिछली शैली के अनुरूप।
Hijab Ban Lifted in Karnataka : दिल्ली। अगर राहुल गांधी, कांग्रेस और INDI गठबंधन बनाते हैं देश में सरकार बनेगी तो इस्लामिक कानून लागू होगा। यह बात केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाने की घोषणा पर शनिवार को मीडिया में बयान देते हुए कही है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- यह केवल हिजाब पर प्रतिबंध हटाना नहीं है बल्कि राज्य में शरिया कानून की स्थापना है। गौरतलब है कि, साल 2023 के अक्टूबर में राज्य सरकार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की मंजूरी दी थी। इसके बाद से चर्चा थी कि, सरकार राज्य में हिजाब पर लगे बैन को पूरी तरह से हटा सकती है।
मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए सिद्धारमैया ने ये फैसला लिया - पूर्व CM येदियुरप्पा
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के हिजाब प्रतिबंध हटाने के बयान पर कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा, किसी ने भी सिद्धारमैया से इस हिजाब के फैसले को वापस लेने की मांग नहीं की। सभी समुदाय एक साथ हैं। कक्षाओं में भाग लेने के लिए समान वर्दी की आवश्यकता होती है, यह किया गया है। कोर्ट ने भी फैसला किया। सिर्फ मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए सिद्धारमैया ने जल्दबाजी में ये फैसला लिया है। मैं इसकी निंदा करता हूं और उन्हें ये फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए। इससे लोक सह चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा, आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
CM द्वारा दिया गया बयान कानून, हमारी पिछली शैली के अनुरूप - कर्नाटक कानून मंत्री एचके पाटिल
हिजाब प्रतिबंध हटाने के कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के बयान पर कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा, सीएम द्वारा दिया गया बयान कानून और हमारी पिछली शैली के अनुरूप है। फैसले की घोषणा जल्द ही की जाएगी लेकिन सोच की दिशा सीएम का फैसला सरकार और पार्टी के अनुरूप है। हिजाब के बारे में पिछली सरकार का फैसला पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण था और यह देश की धर्मनिरपेक्ष सोच के अनुरूप नहीं था, इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
यह है मामला
फरवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में क्लासरूम के भीतर हिजाब पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद एक-एक कर कई शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके बाद कर्नाटक की तत्कालीन बसवराज बोम्मई सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था कि कोई भी परिधान जिससे समानता, सार्वजनिक कानून एवं व्यवस्था बाधित होगी, उसकी मंजूरी नहीं दी जाएगी। सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर मामला पहुंचने पर राजनीतिक सियासत गरमा गई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने इस मामले पर बंटा हुआ फैसला दिया था। कोर्ट की खंडपीठ ने चीफ जस्टिस से अनुरोध किया था कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जाए, फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
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