हाइलाइट्स :
दिसंबर 2019 में संसद से पारित हुआ था CAA
मार्च 2024 में सरकार ने जारी की अधिसूचना।
India Foreign Ministry Reply on America comment On CAA : नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA 2019) भारत का आंतरिक मामला है और यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अमेरिका स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा CAA पर की गई टिप्पणी को लेकर कही है।
भारत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए है। यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के सताए हुए अल्पसंख्यकों को आश्रय और सुरक्षा प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
सीएए नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं। यह राज्यविहीनता के मुद्दे को संबोधित करते हुए मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है। जहां तक सीएए के कार्यान्वयन पर अमेरिकी विदेश विभाग और कई अन्य लोगों द्वारा की गई टिप्पणी का संबंध है हमारा विचार है कि, यह गलत और अनुचित है। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है।
गृह मंत्रालय ने CAA 2024 नियम पूरे भारत में लागू कर दिए हैं। इसके लिए डेडिकेटेड पोर्टल की शुरुआत हो गई है। CAA यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
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