हाइलाइट्स
TRAI के नए नियम से दिखेगा कॉल करने वाले का नाम।
CNAP के कार्यान्वयन के लिए तकनीकी मॉडल की रूपरेखा तैयार।
TRAI Issued New Rules : दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कॉलर और स्पैम कॉल्स पर रोक लगाने के लिए नया तरीका खोज लिया है। दरअसल TRAI ने शुक्रवार को कॉलर की पहचान के लिए नया नियम लागू कर दिया है। जिसके तहत आपके फ़ोन में इनकमिंग कॉल के नंबर के साथ उसका नाम भी फ़्लैश होगा। इसके तहत अब कॉलर आईडी के लिए उपयोग किये जाने वाले कई एप्लीकेशन की जरुरत नहीं पड़ेगी।
दरअसल, ट्राई ने हितधारकों की जवाबी टिप्पणियों के लिए 29 नवम्बर 2022 को "दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) का परिचय" पर एक परामर्श पत्र जारी किया। जवाब में, 40 हितधारकों ने अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत कीं। परामर्श पत्र पर एक ओपन हाउस चर्चा 9 मार्च 2023 को वर्चुअल मोड के माध्यम से आयोजित की गई थी। इस चर्चा के बाद बीते दिन शुक्रवार को ट्राई ने भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में सीएनएपी के कार्यान्वयन के लिए एक तकनीकी मॉडल की रूपरेखा तैयार की गई है।
हितधारकों से प्राप्त इनपुट और विश्लेषण के आधार पर, ट्राई ने 'भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा की शुरूआत' पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है। सिफारिशों में प्रस्तावित किया गया है कि सभी टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को “अनुरोध पर” एक “अतिरिक्त सेवा” के रूप में “कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP)” सुविधा दें।
TRAI की सिफ़ारिश इस प्रकार हैं :
भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) अनुपूरक सेवा शुरू की जानी चाहिए।
कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (CLI) को आईटीयू अनुशंसा,आईपी पते के अनुसार टेलीफोन नंबर और कॉलिंग नाम (CNAME) या किसी अन्य पहचान (ID) के अनुसार कॉल करने वाले की पहचान के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।
ग्राहक आवेदन प्रपत्र (CAF) में टेलीफोन ग्राहक द्वारा प्रदान की गई नाम पहचान की जानकारी का उपयोग कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन के लिए किया जाना चाहिए।
सिफारिशों की स्वीकृति के बाद सरकार को उपयुक्त कट-ऑफ तिथि के बाद भारत में बेचे जाने वाले सभी उपकरणों में सीएनएपी (कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन) सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उचित निर्देश जारी करना चाहिए।
बल्क कनेक्शन वाली कम्पनीज को ग्राहक आवेदन पत्र (सीएएफ) में प्रदर्शित नाम के स्थान पर अपना 'पसंदीदा नाम' प्रस्तुत करने की सुविधा दी जानी चाहिए।
'पसंदीदा नाम' कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत ट्रेडमार्क नाम, या GST परिषद के साथ पंजीकृत व्यापार नाम, या सरकार के साथ पंजीकृत कोई अन्य नाम हो सकता है। ऐसे नाम के स्वामित्व को साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज आवश्यक।
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