हाइलाइट्स :
आज सुबह 5.30 बजे चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया
7 साल बाद निर्भया को मिला इंसाफ
फांसी के बाद तिहाड़ जेल के बाहर लगे ‘भारत माता की जय’ के नारे
निर्भया की वकील थीं सीमा समृद्धि कुशवाह
राज एक्सप्रेस। वर्ष 2012 में दिल्ली में सामूहिक बलात्कार एवं हत्या को अंजाम देकर पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले निर्भया केस के चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी हो गई है और आज 20 मार्च को 7 साल, 3 महीने, 4 दिन बाद इंसाफ़ की जीत हुई... न्याय की सुबह के साथ दांव पेच के खेलों का अंत हो गया है। साथ ही ये कहा जा रहा है कि, आज की इस तारीख (20 मार्च) को 'न्याय दिवस' के रुप में मनाया जाएगा।
फांसी पाने वाले दोषियों के नाम :
मुकेश सिंह (32)
पवन गुप्ता (25)
विनय शर्मा (26)
अक्षय कुमार सिंह (31)
कौन हैं निर्भया की वकील?
बता दें कि, जिसने निर्भया को न्याय दिलवाया है, वह एक भारतीय बेटी "सीमा समृद्धि कुशवाह" है, ये ही निर्भया की वकील जिन्होंने इंसाफ दिलाया।
चार को एक ही अपराध के लिए-एक ही समय पर सजा :
इतिहास में ऐसा पहली बार वो दिन आया है जब तिहाड़ जेल में एक ही अपराध के लिए एक ही समय पर एक साथ चार दोषियों को फांसी की सजा हुई हो।
फांसी के बाद आशा देवी ने कहा :
मीडिया से बात करते हुए भावुक हुईं आशा देवी ने दोषियों के फांसी दिए जाने के बाद कहा, 'मैंने बेटी की तस्वीर को गले लगाकर उससे कहा- बेटा आज आपको इंसाफ मिल गया, मुझे अपनी बेटी पर गर्व है, आज वो अगर होती हो मैं एक डॉक्टर की मां कहलाती। मैं देशभर की महिलाओं से अपील करती हूं कि देश में किसी भी बेटी के साथ अन्याय हो उसका साथ दें।'
खबरों के अनुसार, जब चारों दोषियों को फांसी या कहे मौत का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा था चारों दरिंदें कानून के सामने सजा से बचने के लिए 2 घंटे तक गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन अंत में निर्भया की ही जीत हुई।
जेल के बाहर लगे नारे :
दोषियों की फांसी की सजा के दौरान तिहाड़ जेल के बाहर मीडिया और लोगों का जमावड़ा लगा रहा, साथ ही जेल के बाहर खड़े लोगों के हाथ में तिरंगा भी था और जैसे ही दोषियों को फंदे पर लटकाने की खबर आई तो जेल के बाहर लोगों ने तिरंगा लहराते हुए ‘‘निर्भया अमर रहे’’ और ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे लगाए। दरिंदों को फांसी दिए जाने के बाद हर तरफ जश्न का माहौल है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया है, जो आप यहां देख सकते हैं-
गौरतलब है कि, दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय एक युवती के साथ 6 दरिंदों ने हैवानियत की सभी हदें पार करते हुए दुष्कर्म किया था, जिसमें से 4 को तो फांसी हो गई और एक ने पहले ही जेल में खुदकुशी कर ली थी, तो वहीं एक अन्य नाबालिग था।
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