New Criminal Laws : तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागू, अधिसूचना जारी

New Criminal Laws Come into Effect from1st July : तीन नए क्रिमिनल कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम इस साल 1जुलाई से लागू हो जायेगे।
New Criminal Laws Come into Effect from1st July
New Criminal Laws Come into Effect from1st July Raj Express
Published on
Updated on
3 min read

हाइलाइट्स

  • IPC, CrPC और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की लेंगे जगह।

  • इन कानून में महिलाओं के लिए E-FIR की सुविधा।

  • मॉब लिंचिंग को लेकर सख्ती।

New Criminal Laws Come into Effect from1st July : दिल्ली। तीन नए क्रिमिनल कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम इस साल 1 जुलाई से लागू हो जायेगे। इसको लेकर सरकार ने शनिवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना गृह मंत्रालय से जारी हुई है। इसके तहत IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता और एविडेंस एक्ट अब साक्ष्य अधिनियम कहा जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की तरफ से तीन अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। जिसमें नए कानूनों एक जुलाई से लागू होंने की बात कही गई है। ये कानून औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता ( IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे। तीनों कानूनों का मकसद विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। तीनों कानूनों को पिछले साल 21 सितंबर को संसद से मंजूरी मिली थी। उसके बाद 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उन्हें मंजूरी दी थी।

तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागू
तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागूRaj Express
तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागू
तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागूRaj Express
तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागू
तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से होंगे लागूRaj Express

नए कानून में यह होंगे प्रावधान

राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह

पुराने आपराधिक कानूनों से राजद्रोह के कानून को निरस्त कर दिया गया है। उसकी जगह धारा 150 में देशद्रोह से जुड़ा प्रावधान जोड़ा गया है। इसमें भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों को कानून के दायरे में लाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) में इसके लिए 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

शादी के नाम पर धोखाधड़ी करने पर सजा

BNS में झूठ बोलकर किसी महिला से शादी करने या शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाने पर सजा का प्रावधान है। इस अपराध के लिए 10 साल तक की सजा मिल सकती है। पहचान छिपाकर शादी करने वाले पर भी यह कानून लागू होगा।

मॉब लिंचिंग को लेकर सख्ती

पुराने आपराधिक कानूनों में मॉब लिंचिंग को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। BNS में इस संबंध में भी कानून बनाया गया है। अब मॉब लिंचिंग के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

फर्जी खबर फैलाना अपराध

फर्जी खबर फैलाने के बढ़ते मामलों के संबंध में भी नए कानूनों में प्रावधान दिए गए हैं। इसमें झूठी और भ्रमक खबर प्रकाशित करने को अपराध माना गया है।

आतंकवाद

देश में पहले आतंकवाद को लेकर कोई परिभाषा नहीं थी। अब इसे सामान्य आपराधिक कानूनों की श्रेणी में लाया गया है। इसके अलावा, नए कानूनों में आतंकवाद को परिभाषित भी किया गया है। हालांकि भारत में आतंकवाद के मामलों के लिए UAPA कानून भी है।

जल्दी मिलेगा न्याय

नए कानूनों में न्याय में तेजी लाने का भी प्रावधान किया गया है। अब जीरो एफआईआर में भी धाराएं जोड़ी जा सकेंगी। 15 दिन के अंदर इसे थाने में भेजना होगा। छोटे मामलों का समरी ट्रायल किया जाएगा जिससे सेशन कोर्ट के समय बचेगा। इसके अलावा भी न्याय से संबंधित हर कार्य के लिए समय सीमा तय की गई है।

महिलाओं के लिए E-FIR

नए क्रिमिनल कानूनों में ई-एफआईआर का प्रावधान भी लाया गया है। इसके चलते जो महिलाएं पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहती या नहीं जा सकती, वे अपने साथ हुए अपराध की ई-एफआईआर दर्ज करवा सकती हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद, एक पुलिस अधिकारी 24 घंटों के भीतर घर जाएगा।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com