एमसीडी चुनाव : दिल्ली में हर साल चुना जाता है मेयर, पहले साल महिला बनेगी मेयर
राज एक्सप्रेस। बीते दिनों एमसीडी चुनाव के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें आम आदमी पार्टी को 134, भाजपा को 104 और कांग्रेस को महज 9 सीटों पर जीत मिली। इसी के साथ 15 साल बाद भाजपा का एमसीडी की सत्ता से बाहर होना लगभग तय हो चुका है। एमसीडी चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली का अगला मेयर कौन होगा? तो चलिए जानते हैं कि दिल्ली का मेयर कैसे चुना जाता है? और इस पद के लिए कौन-कौन दावेदार है?
ऐसे होगा मेयर का चुनाव :
एमसीडी चुनाव में पार्षद भले ही 5 साल के लिए चुने जाते हो लेकिन मेयर का चुनाव सिर्फ एक साल के लिए होता है। यानि हर साल मेयर चुना जाता है। मेयर के चुनाव में 250 पार्षदों के अलावा लोकसभा के 7 सांसद और राज्यसभा के तीन सांसद भी वोट देंगे। जिस उम्मीदवार को 131 या उससे अधिक वोट मिलेंगे, वह एक साल के लिए दिल्ली का मेयर बनेगा।
पहले साल बनेगी महिला मेयर :
एमसीडी के नियमों के अनुसार पहले साल किसी महिला को ही मेयर बनाया जा सकता है। यह एक तरह का रिजर्वेशन है। दूसरे साल कोई भी पार्षद मेयर बन सकता है। वहीं तीसरे साल अनुसूचित जाति का पार्षद मेयर बनता है। वहीं चौथे और पांचवें साल कोई भी पार्षद मेयर बन सकता है।
कौन-कौन हैं उम्मीदवार?
134 पार्षद और 3 राज्यसभा सांसद के चलते एमसीडी में आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है। ऐसे में अगर क्रास वोटिंग जैसी स्थिति नहीं होती है तो फिर आम आदमी पार्टी का मेयर बनना तय है। एमसीडी के नियमों के अनुसार पहले साल कोई महिला ही मेयर बन सकती है, ऐसे में आम आदमी पार्टी की तीन महिला नेताओं का नाम मेयर की रेस में सबसे आगे चल रहा है। इनमें सबसे पहला नाम आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मर्लेना का है। हालांकि इसके लिए उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना होगा। वहीं दूसरा नाम आम आदमी पार्टी की महिला इकाई की प्रदेश संयोजक निर्मला देवी का है। इनके अलावा काउंसलर कैप्टन शालिनी सिंह का नाम भी मेयर बनने की दौड़ में शामिल है।
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