शराब घोटाले में फिर बढ़ सकती हैं मनीष सिसोदिया की मुसीबतें, जानिए कौन है शरत रेड्डी?
राज एक्सप्रेस। दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ शराब घोटाले के एक आरोपी शरत चंद्र रेड्डी सरकारी गवाह बन चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अब दिल्ली सरकार और मनीष सिसोदिया की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। इस मामले में बीजेपी के एक नेता का यह भी मानना है कि इस घोटाले की लपटें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तक भी पहुँच सकती है। ऐसे में लोग यह जानने को बेताब हैं कि शरत चंद्र रेड्डी कौन हैं? चलिए जानते हैं इस बारे में।
क्या है यह मामला?
दिल्ली सरकार के द्वारा 17 नवम्बर 2021 को एक नई शराब नीति बनाई गई थी। जिसके अंतर्गत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए और हर ज़ोन में अधिकतम 27 दुकानें खोली जानी थीं। लेकिन नई नीति लागू होने के बाद सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इस दौरान सरकार ने दावा किया था कि इससे करीब 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा। लेकिन इस नीति को लेकर सरकार पर आरोप लगा कि यह नीति बड़े शराब कारोबारियों को फायदा देने के लिए बनाई गई है। हालाँकि मामला बढ़ते देख यह नीति वापस ले ली गई। लेकिन मामले में सीबीआई ने एक एफआईआर दायर कीम जिसमें मनीष सिसोदिया को प्रथम आरोपी बनाया गया।
कौन हैं शरत चंद्र रेड्डी?
आपको बता दें कि शरत चंद्र रेड्डी एक बिजनेसमैन हैं। वे अरबिंदो फार्मा के एमडी के तौर पर कार्यरत हैं और कंपनी की सारी जिम्मेदारी सँभालते हैं। शरत चंद्र रेड्डी अरबिंदो फार्मा के फाउंडर पीवी राम प्रसाद रेड्डी के बेटे हैं। अरबिंदो फार्मा से पहले शरत रेड्डी शरत ट्रीडेंट लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड की बागडोर संभाल रहे थे। लेकिन बाद में अरबिंदो फार्मा ने इसका अधिग्रहण कर लिया।
कैसे जुड़ा शरत का घोटाले से नाम?
ईडी की माने तो शरत चंद्र रेड्डी ने कई नेताओं और बिजनेसमैन के साथ मिलकर शराब घोटाले की योजना में हिस्सा लिया है। वे फार्मा में काम करने के साथ ही शराब कारोबार में भी सक्रीय हैं। गौरतलब है कि अरबिंदो फार्मा जेनरिक ड्रग्स मार्केट में सक्रीय है और ग्लोबल मार्केट में उनकी अच्छी पकड़ है। बता दें कि इस शराब घोटाले से पहले भी एक बार शरत रेड्डी का नाम सीबीआई की एक चार्जशीट में दर्ज हुआ था। वे जमीन अधिग्रहण के एक मामले को लेकर भी अपना नाम एक केस में दर्ज करवा चुके हैं।
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