मणिपुर वायरल वीडियो केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मणिपुर वायरल वीडियो केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईRaj Express

मणिपुर वायरल वीडियो केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- यह कोई अकेली घटना नहीं है।

मणिपुर वायरल वीडियो मामले में सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, यह एकमात्र घटना नहीं है। हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक तंत्र भी बनाना होगा।
Published on

हाइलाइट्स :

  • मणिपुर वायरल वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू

  • महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने मजबूत प्रक्रिया बनाने का निर्देश

  • यह इकलौत मामला नहीं, अन्य महिलाएं भी हैं: सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़

दिल्‍ली, भारत। मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले पर मच रहे बवाल के इस इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई हो रही है। आज सोमवार को फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान सीजेआई ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए मजबूत प्रक्रिया बनाने के निर्देश दिए व अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कहीं है।

यह एकमात्र घटना नहीं है :

दरअसल, इस मामले की चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जेबी पादरीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है। मणिपुर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई में सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ का कहना है कि, यह वीडियो सामने आया लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न किया गया है। यह कोई अकेली घटना नहीं है। हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक तंत्र भी बनाना होगा। साथ ही CJI ने यह भी पूछा कि, 3 मई के बाद से जब मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, ऐसी कितनी एफआईआर दर्ज़ की गई हैं।

तो वहीं, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, केंद्र की स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, 595 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से कितने यौन हिंसा से संबंधित हैं, और कितने आगजनी, हत्या से संबंधित हैं। इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।

तो वहीं, सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि, हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया। हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए। अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी करेगा तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है।

इसके बाद मणिपुर की 2 पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि, महिलाएं मामले की CBI जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं।  यह स्पष्ट है कि पुलिस उन लोगों के साथ सहयोग कर रही थी, जिन्होंने दोनों महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अंजाम दिया। पुलिस ने इन महिलाओं को भीड़ में ले जाकर छोड़ दिया और भीड़ ने वही किया, जो वे करते थे।

कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि, वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा और फिर कार्रवाई के सही तरीके पर फैसला करेगा। अभी हमारे पास कोई साक्ष्यात्मक रिकार्ड नहीं है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com