बैलेट पेपर में चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई नई याचिका
रामपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार वकील महमूद पप्राचा ने दाखिल की याचिका
अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट करने वाला है सुनवाई
दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन बनाम बैलेट पेपर का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले हफ्ते ईवीएम के खिलाफ दाखिल हुए पहली की याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले निर्णय के बाद भी लोग सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले को लेकर नई याचिका दायर कर रहे है।
ऐसी ही आज एक और व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और चुनाव आचरण नियम, 1961 (Representation of the People Act, 1951 and Election Conduct Rules, 1961) के तहत ईवीएम की जगह केवल बैलेट पेपर में चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की है। यह याचिका उत्तरप्रदेश में रहने वाले एक वकील मेहमूद प्राचा द्वारा दाखिल की गई है। हालंकि, यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित एक मामले में अंतरिम आवेदन के रूप में दायर की गई है जिसपर अगले हफ्ते सुनवाई होने वाली है।
दिल्ली बार कॉउंसिल के वकील महमूद प्राचा ने देश में सभी चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के बजाय बैलेट पेपर से कराने का निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मेहमूद प्राचा रामपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार भी है। प्राचा ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि "1951 के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और 1961 के चुनाव संचालन नियमों के तहत केवल बैलेट पेपर का उपयोग करके चुनाव कराने का आदेश दिया गया है।"
याचिकाकर्ता वकील मेहमूद प्राचा ने आगे अपनी याचिका में कहा कि "बैलेट पेपर और बैलेट बॉक्स के इस्तेमाल से चुनाव कराने का नियम है... इसलिए, सभी चुनाव कागजी बैलेट पेपर के इस्तेमाल से होने चाहिए और वोटिंग मशीनों का सहारा लेने पर चुनाव आयोग केवल मामले दर मामले के आधार पर विचार कर सकता है।"
सुप्रीम कोर्ट ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन की पर्चियों के मिलान के मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करने वाला है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एडीआर (Association for Democratic Reforms) की तरफ से दायर की गई याचिका अगले हफ्ते 9 या 10 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट में एएडीआर ने याचिका दायर कर ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों का मिलान करने की मांग की थी क्योंकि अभी वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से सिर्फ पांच कोई भी चयनित ईवीएम के सत्यापन का चलन है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में सभी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पेपर पर्चियों की गिनती की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था।
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