पूर्व DU प्रो. साईबाबा को बरी करने के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका खारिज

दिल्ली। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, फैसला (उच्च न्यायालय का) प्रथम दृष्टया बहुत तर्कसंगत है।
Supream Court
Supream CourtRaj Express
Published on
Updated on
2 min read

हाइलाइट्स

  • पूर्व प्रो. जी एन साईबाबा और पांच अन्य को बरी करने के आदेश पर नहीं लगेगी रोक।

  • उच्चतम न्यायालय ने बॉम्बे HC के फैसले को बताया तर्क सांगत।

दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने माओवादियों से कथित संबंधों के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. जी एन साईबाबा और पांच अन्य को बरी करने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। सोमवार को पीठ ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि, इस संबंध में बॉम्बे उच्च न्यायालय का फैसला प्रथम दृष्टया बहुत तर्कसंगत है, जिसे पलटने की कोई जल्दी नहीं हो सकती। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, फैसला (उच्च न्यायालय का) प्रथम दृष्टया बहुत तर्कसंगत है।' पीठ ने हालांकि, महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की इस गुहार पर कि वह (सरकार) कुछ दस्तावेज रिकॉर्ड में दर्ज कराना चाहेंगे, कहा कि वह इसकी अनुमति देगी।

पीठ ने कहा कि वह इस मामले में इजाजत देगी और राज्य सरकार उस पर शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन दायर कर सकती है। बांबे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक दशक से अधिक समय पहले गिरफ्तार साईबाबा को पांच मार्च 2024 को बरी कर दिया था। व्हील चेयर के सहारे चलने को मजबूर साईबाबा को दी गई आजीवन कारावास की सजा रद्द कर दी गई थी।

उच्च न्यायालय ने साईबाबा के अलावा महेश करीमन तिर्की, पांडु पोरा नरोटे (दोनों किसान) हेम केशवदत्त मिश्रा (छात्र) और प्रशांत राही (सांगलीकर) आदि को बरी कर दिया था। उन्हें निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी थी। निचली अदालत ने मजदूर विजय तिर्की को भी 10 साल की सजा दी थी। उसे भी उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने बांबे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पांच मार्च को ही उच्चतम न्यायालय का खटखटाया था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com