हाइलाइट्स :
केंद्र सरकार और किसानों के बीच चार बार हुई वार्ता।
भारी वाहन लेकर दिल्ली सीमा की ओर बढ़ते किसान।
किसान नेताओं ने कि, शांति बनाए रखने की अपील।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के साथ चौथे दौर की वार्ता विफल होने के बाद किसान बुधवार को दोबारा 'दिल्ली चलो मार्च' शुरू करेंगे। जानकारी के अनुसार किसान 12 हजार ट्रैक्टर के साथ दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं। इसे देखते हुए दिल्ली इस समय अलर्ट मोड पर है। दिल्ली की ओर आने वाली सीमा पर भारी सुरक्षा बल भी तैनात किया गया है। किसान नेताओं का कहना है कि, सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्हें दिल्ली के अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
शंभु बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का कहना है कि, ''हमारा इरादा कोई अराजकता पैदा करना नहीं है। हमने 7 नवंबर से दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम बनाया है। अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है। ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं। सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे...नहीं तो हमारी मांग पूरी करें मांगें...अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे... हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं।
दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि, ''हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हम बैठकों में शामिल हुए, हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है। हम शांतिपूर्ण रहेंगे। प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। 1.5 - 2 लाख करोड़ रुपये कोई बड़ी रकम नहीं है...हमें इन बाधाओं को हटाने और दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए।"
वहीं किसान नेताओं द्वारा MSP पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "हम अच्छा करना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए कई राय दी जा सकती हैं, क्योंकि हम हमेशा अच्छी राय का स्वागत करते हैं... लेकिन यह कैसे होगा, इसका रास्ता ढूंढना होगा। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। बातचीत से समाधान अवश्य निकलेगा।"
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