दिल्ली: कई इलाकों में मंडराया बाढ़ का खतरा- यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर
हाइलाइट्स :
दिल्ली में बाढ़ की आपदा से जनता चिंतित
दिल्ली के निचले इलाकों में फिर बाढ़ का खतरा मंडराया
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
दिल्ली, भारत। देश के कई राज्यों में भारी बारिश व बाढ़ की प्राकृतिक आपदा से जनता चिंतित है, कई हिस्सों में पानी का स्तर निरंतर उच्च रहने से लोग जीवन जीने के लिए खतरे के निशान का सामना कर रहे हैं। इस बीच अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराया हुआ है। यहां यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा और यमुना फिर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
जलस्तर का रिकॉर्ड 205.81 मीटर दर्ज :
बताया जा रहा है कि, यमुना नदी का जलस्तर आज सुबह, 23 जुलाई को 7 बजे पुराने लोहा पुल पर जलस्तर का रिकॉर्ड 205.81 मीटर दर्ज किया गया है। तो वहीं, यमुना नदी के पानी का जलस्तर उफान पर होने से दिल्ली के निचले इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
तो वहीं, केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही!
निचले इलाकों में कुछ घरों में पानी घुस गया है… एहतियात के तौर पर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। फिलहाल स्थिति सामान्य है और हम जल स्तर की निगरानी कर रहे हैं और इसके बारे में जागरूकता फैला रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुरेशराव कुलकर्णी
इसके अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में मंत्री आतिशी की ओर से कहा गया- बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से 'मुनादी' (घोषणा) की जा रही है। राहत शिविरों का निरीक्षण तथा लोगों के वहां लोगों को ठहराने की तैयारी की गयी है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है।
बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
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