दिल्ली, भारत। देश की राजधानी दिल्ली के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तरफ कोरोना संक्रमण का कहर है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदूषण ने हाहाकार मचा रखा है। इसी के चलते इस बार नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन इसके बावजूद भी दिवाली के जश्न में लोगाें ने न NGT का आदेश माना, न ही किसी को पर्यावरण की फिक्र दिखी और खूब आतिशबाजी की।
आतिशबाजी से दिल्ली का बुरा हाल :
दिल्ली में लोगों ने खूब पटाखे चलाए, जिसके कारण अब हालत और बुरे हो गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया, हवा की हालत गंभीर है। प्रदूषण की वजह से दिवाली की अगली सुबह भी दिल्ली में धुंध छाई रही और विजिविलिटी 200-300 मीटर के करीब रही। इसी के चलते दिल्ली की हवा को साफ करने और प्रदूषण को कम करने के लिए राजधानी के विभिन्न इलाकों में नगर निगम की गाड़ियां पानी का छिड़काव कर रही हैं। ये गाड़ियां प्रदूषण की अधिकता वाले इलाकों के साथ ही भीड़ भरे बाजारों में भी पानी का छिड़काव कर रही हैं।
दिल्ली का प्रदूषण स्तर :
एनजीटी के आदेश और दिल्ली सरकार के आग्रह को ठेंगा दिखाते हुए दिल्लीवालों ने दिवाली पर खूब पटाखे चलाए। नतीजा, पहले से खराब दिल्ली की हवा और खराब हो गई और गंभीर स्थित में पहुंच गई। जगह-जगह एक्यूआई बढ़ता चला गया। प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, आनंद विहार में 481 एक्यूआई, आईजीआई एयरपोर्ट पर 444, आईटीओ पर 457 और लोधी रोड पर 414 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। गोविंदपुरी, कालकाजी, ग्रेटर कैलाश से लेकर इंडिया गेट तक के इलाके में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। पटाखों के प्रदूषण की वजह से कॉलोनियों में धुएं की चादर पसर गई। सड़कों से लेकर कॉलोनियों में पटाखों की अवैध बिक्री हुई व उन्हे जलाया गया। ग्रीन पटाखों की जगह प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का अधिक प्रयोग हुआ।
नहीं माना NGT का आदेश :
बता दें कि, नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन किसी ने भी NGT का आदेश नहीं माना और दिवाली में खूब आतिशबाजी की।
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