हाइलाइट्स :
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर लोकसभा में हुई चर्चा।
लोकसभा में निशिकांत दुबे और ओवैसी के बीच हुई बहस।
अमित शाह ने कहा, 22 जनवरी को महान भारत की शुरुआत।
नई दिल्ली। राम मंदिर आंदोलन को नजरअंदाज करके इस देश का इतिहास कोई नहीं पढ़ सकता। यह बात गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कही है। शनिवार को लोकसभा में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर चर्चा हुई। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 22 जनवरी को महान भारत की शुरुआत थी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "क्या मोदी सरकार किसी खास समुदाय, धर्म की सरकार है या पूरे देश की सरकार है?''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''राम मंदिर आंदोलन को नजरअंदाज करके इस देश का इतिहास कोई नहीं पढ़ सकता। साल 1528 के बाद से हर पीढ़ी ने किसी न किसी रूप में इस आंदोलन को देखा है। यह मामला लंबे समय तक अटका रहा। मोदी सरकार ने राम मंदिर का सपना पूरा किया।
राम मंदिर प्रस्ताव पर लोकसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "22 जनवरी को महान भारत की शुरुआत हुई थी...जो लोग भगवान राम के बिना देश की कल्पना करते हैं वे हमारे देश को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं और वे उपनिवेशवाद के दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 22 जनवरी आने वाले वर्षों के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। यह वह दिन था जिसने सभी राम भक्तों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया।"
क्या मोदी सरकार किसी खास समुदाय की सरकार है? - सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने
लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा शुरू होने पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''मैं पूछना चाहता हूं कि, क्या मोदी सरकार किसी खास समुदाय, धर्म की सरकार है या पूरे देश की सरकार है?'' मेरा मानना है कि इस देश का कोई धर्म नहीं है। 22 जनवरी के माध्यम से, क्या यह सरकार यह संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं?"
मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं :
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, "क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?...मैं भगवान राम का सम्मान करता हूं लेकिन मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं और मेरी नस्लें नफरत करती रहेंगी। क्योंकि उसने उस व्यक्ति को मार डाला जिसके अंतिम शब्द 'हे राम' थे। भारत के 17 करोड़ मुसलमान खुद को अजनबी महसूस कर रहे हैं। इस पर बीजेपी संसद निशिकांत दुबे ने सवाल पूछते हुए असदुद्दीन ओवैसी से कहा, क्या वे बाबर को आक्रमणकारी मानते हैं। जिसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, पुष्पमित्र संघा को आप क्या मानते हैं। यही मैं कह रहा हूँ, आप मुझसे बाबर की बात पूछ रहे हैं, आपको महात्मा गांधी के हत्यारों के बारे में पूछ रहे हैं।"
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