हाइलाइट्स :
सैम पित्रोदा ने अमेरिका में विरासत टैक्स का दिया था उदहारण।
चुनाव के बीच संपत्ति के समान वितरण पर भारत में छिड़ी बहस।
Controversy Over Sam Pitroda Inheritance Tax Statement : दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के एक और बयान पर बवाल हो गया है। सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद उनके बयान पर भाजपा के कई नेताओं ने सवाल उठाए हालांकि, कांग्रेस ने उनके बयां से किनारा कर लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि,पित्रोदा के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हों ऐसा जरूरी नहीं है।
अमेरिका के शिकागो में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा था कि, "अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। बाकी 55% सरकार द्वारा जब्त कर ली जाती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसके तहत संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पूरी नहीं, आधी, जो मुझे सही लगती है।'
भारत में नहीं है ऐसा कानून :
सैम पित्रोदा ने आगे कहा था कि, 'भारत में ऐसा कानून नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि, अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में।'
विरासत टैक्स पर कांग्रेस का स्टैंड :
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनिया भर में कई लोगों के गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं। उन्होंने भारत के विकास में असंख्य, स्थायी योगदान दिया है। पित्रोदा उन मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं जिनके बारे में वे दृढ़ता से महसूस करते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं। कई बार वे ऐसा नहीं करते। अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाना और उन्हें संदर्भ से बाहर करना दुर्भावनापूर्ण और शरारती चुनाव अभियान से ध्यान हटाने का प्रयास है।'
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