राज एक्सप्रेस। कहते हैं वर्तमान, भविष्य में अतीत बन जाता है। अतीत यानि इतिहास।
दिल्ली के शाहीन बाग में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। इतिहास गढ़ने वाली सभी महिलाएं हैं। ये महिलाएं घर भी संभाल रही हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा भी। यानि ये महिलाएं डबल शिफ्ट कर रही हैं। बुर्खा पहने/ नहीं पहने, हाथों में पोस्टर थामे, बच्चों को गोद में लिए पिछले एक महीने से सरकार के एक निर्णय के खिलाफ डट कर बैठी हैं ये महिलाएं। ये क्या कह रही हैं? 'ये कह रही हैं अभी नहीं बोंलेगे तो कब बोलेंगे।'
ये कौन से दस्तावेज़ हैं जिसके कारण महिलाएं अपना परिवार छोड़कर सड़क पर उतरने को मजबूर हो गई हैं। शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहीं औरतें कह रही हैं कि, 'हम पीछे नहीं हटेंगे। मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के प्रति एक सोच है कि, वे कभी बोलती नहीं हैं। अपनी आवाज़ उठाती नहीं हैं लेकिन आज हम एकत्र हुए हैं, बोल रहे हैं अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।'
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में देश में पिछले एक महीने से अधिक लगातार प्रदर्शन जारी है। विश्वविद्यालयों और सड़कों पर लोग एकत्र होकर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मानों पूरा देश जंतर-मंतर बन गया है।
वहीं शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं को देशभर से समर्थन मिल रहा है। बीते दिन बुधवार को पंजाब से सैकड़ों की संख्या में लोग शाहीन बाग पहुंचे, इसमें भारतीय किसान यूनियन के सदस्य भी थे।
प्रदर्शन खत्म करने की मांग
शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के कारण ट्रैफिक संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। बीच सड़क पर धरना हो रहा है। जिसके चलते दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने वहां से गुजरने वाली सड़क को बेरीकेट लगाकर बंद किया हुआ है।
बीजेपी दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वो शाहीन बाग से लोगों से कह रहे हैं कि, प्रदर्शन छोड़ दीजिए। अन्य लोगों को ट्रैफिक संबंधी समस्याएं हो रही हैं। चुनावी माहौल को देखते हुए बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को भी घेर लिया।
कोर्ट पहुँच चुका है मामला
शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के कारण दिल्ली से नोएडा जाने वाला रास्ता जाम है। इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर भी हो चुकी थी। 14 जनवरी को इसी समस्या को लेकर सुनवाई हुई थी। जिसमें अदालत ने प्रशासन को कानून के मुताबिक काम करने के आदेश दिए थे। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में शाहीन बाग पर जारी धरने को खत्म करने की बात साफ तौर पर नहीं की।
हाईकोर्ट की तरफ से जनहित को मद्देनज़र रखते हुए पुलिस को कार्रवाई करने को कहा गया था। जिसके बाद पुलिस महकमें के कुछ अधिकारी शाहीन बाग पहुँचकर लोगों से रास्ता खाली करने की अपील कर चुके हैं। वहीं प्रदर्शकारियों का कहना है कि, जबतक सरकार हमारी बात नहीं मान लेती तब तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे।
प्रदर्शन के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने जवाहरलाल नेहरू, जामिया और शाहीन बाग के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों की प्रशंसा की। शाहीन बाग में उन्होंने ने कहा कि, अनेकता में एकता का नाम है भारत।
प्रदर्शकारियों से मुलाकात के बाद सांसद शशि थरूर ने एक वीडियो जारी किया जिसमें कहा कि, आप ( प्रदर्शकारियों) से मुलाकात कर के अच्छा लगा और आप लोगों को देखकर लगता है कि, देश में एकता, प्रेमभाव और लोकतंत्र हमेशा जीवित रहेगा।
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा हुई बर्बरता और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हमले में पुलिस के रूखे रवैये ने पुलिस महकमें की छवि खराब कर दी है। अब देखना ये होगा की पुलिस शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक वहां से उठा पाती है या नहीं?
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