दिल्ली, भारत। देश में केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को करीब 3 महीने पूरे होने को आए हैं, लेकिन कोई हल निकलने की बजाय आंदोलन लंबा खिंचता नजर आ रहा है। इस दौरान आंदोलनकारी अन्नदाताओं को विपक्ष का पूरा समर्थन मिल रहा है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज किसान नेताओं के साथ बैठक की।
किसानों से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा :
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में किसान नेताओं के साथ बैठक की और कृषि कानूनों व किसानों से संबंधित अन्य मुद्दों के बारे में चर्चा की। इस दौरान CM अरविंद केजरीवाल ने कहा- ये तीन कृषि क़ानून किसानों के लिए डेथ वारंट है। इन क़ानूनों से किसानों की किसानी कुछ पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी और हमारा किसान अपने खेत में मजदूर बनने के लिए बेबस हो जाएगा। आज सब लोगों ने फिर से केंद्र सरकार से मांग की है कि इन क़ानूनों को वापस लिया जाए।
केंद्र सरकार पर साधा निशाना :
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आगे ये भी कहा कि, ''केंद्र सरकार कहती आई है कि इन क़ानूनों से किसानों को फायदा होगा, लेकिन अब तक वह जनता को एक भी फायदा बताने में नाकाम रहे हैं।''
सूत्रों के मुताबिक, CM केजरीवाल की यह बैठक उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं के साथ हुई है। बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम एवं दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल शामिल हुए।
आपको बता दें कि दिल्ली की बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को 88वां दिन हो रहा है। कृषि कानून को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांगों पर किसान अड़े हुए हैं। हालांकि सरकार और किसान संगठनों में 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
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