लोकसभा में बोले अमित शाह- PM मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा
हाइलाइट्स :
लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पर चर्चा
नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पर अमित शाह का भाषण
अमित शाह बोले- महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता है सरकार का संकल्प
दिल्ली, भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बुधवार को नई संसद भवन के लोकसभा में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पर अपने विचार दिए।
महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा :
अमित शाह ने लोकसभा में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पर कहा- कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल गणेश चतुर्थी थी, कल नए सदन के कार्य का श्री गणेश हुआ और कल ही के दिन वर्षों से लंबित महिलाओं को आरक्षण देने का बिल इस सदन में पेश हुआ। इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी। जी20 के दौरान पीएम मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा।
नया अनुच्छेद 303, 30ए लोकसभा में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण देगा और 332ए विधानसभाओं में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करेगा। इसके साथ-साथ एससी/एसटी वर्ग के लिए जितनी भी सीटें रिजर्व हैं, उसमें भी एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित होंगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता श्री नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तिकरण कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। मेरी पार्टी के लिए यह मानवाधिकार का मुद्दा है। महिलाओं की एक लंबी लड़ाई का अंत हो जाएगा। जिसकी कल्पना G20 की बैठक में श्री नरेन्द्र भाई मोदी ने समग्र विश्व के सामने रखी। women led development के नए युग का श्री गणेश इसी बिल से होने जा रहा है।
कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है। लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है। महिला आरक्षण बिल लाने का यह 5वां प्रयास है। देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक चार बार इस बिल को लाने की कोशिश की गई...क्या कारण था कि ये बिल पास नहीं हो सका?
मुख्यमंत्रियों को अपने कार्यकाल के दौरान कई उपहार मिलते हैं जिन्हें वे आमतौर पर तिजोरी में सुरक्षित रखने के लिए रख देते हैं। श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान सार्वजनिक रूप से लड़कियों की शिक्षा के लिए उन उपहारों की नीलामी की घोषणा की।
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की बड़ोदरा कार्यकारिणी हुई थी, उस ऐतिहासिक कार्यकारिणी में मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के संगठात्मक पदों पर माताओं के लिए एक तिहाई रिजर्वेशन किया गया था। मैं गर्व से कह सकता हूं कि ऐसा करने वाली मेरी पार्टी, सबसे पहली और अंतिम पार्टी है।
मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देशभर में दिया। गुजरात में उनके प्रयासों से जनजागृति के माध्यम से बिना किसी कानून के लिंग अनुपात में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ। इसलिए यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, हमारी मान्यता का मुद्दा है, हमारा स्वभाव का मुद्दा है, हमारी कार्यसंस्कृति का मुद्दा है।
जिस दिन मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, जिस दिन से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, उसी दिन से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता... इस सरकार के सांस और प्राण में बसा हुआ है। जब बैंक अकाउंट खोलने का काम शुरू किया तो 52 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए और 52 करोड़ अकाउंट में से 70 प्रतिशत अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए। आज महिला सशक्तिकरण हुआ है।
कांग्रेस ने इस देश में 5 दशक से ज्यादा शासन किया, लेकिन 11 करोड़ परिवार ऐसे थे, जहां घरों में शौचालय नहीं था। गरीबी हटाओ के नारे दिए, लेकिन गरीबों को कोई सुविधा नहीं दे पाए। शौचालय न होने का पीड़ा वही जान सकते हैं, जिनके घरों में बहन-बेटियां हैं।
उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर देने का काम मोदी सरकार ने किया। हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम किया। इसी तरह गर्भवती महिलाओं को 26 सप्ताह सवेतन मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान हमारी सरकार ने किया।
इस विधेयक का उद्देश्य जो आरक्षण प्रदान करना है, उससे नीति-निर्माण में महिलाओं का योगदान सुनिश्चित हो सकेगा। जो भी भारत में रहता है, उसकी जड़ें भारत में हैं, वह महिलाओं को कमतर या कमजोर समझने की गलती नहीं करेगा... समस्या यह है कि कुछ लोगों की जड़ें भारत में नहीं हैं।
इस दौरान अमित शाह ने दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी का जिक्र करते हुए कहा, दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीन स्वरूप हैं देवियों के मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं, सरस्वती विद्या औ मां लक्ष्मी वैभव का स्वरूप हैं। इन तीनों स्वरूपों ने हमारे पुर्खों ने मां की ही कल्पना की है। उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी जड़े भारत से नहीं जुड़ी है।
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