पुण्यतिथि : अटल बिहारी वाजपेयी के वह काम, जो वे जीते जी नहीं कर पाए
हाइलाइट्स :
आज भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि है।
दुनियाभर से अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी जा रही है।
वाजपेयी को देश ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद करता है, जिन्होंने देश को नई दिशा दी है।
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary : आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर से अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी जा रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने अटल समाधि पर जाकर उन्हें पुष्प अर्पित किए। वाजपेयी को देश ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद करता है, जिन्होंने देश को नई दिशा दी है। चाहे वह परमाणु परीक्षण हो या फिर कारगिल युद्ध, वाजपेयी ने दुनिया की परवाह किए बिना देश हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। हालांकि कुछ काम ऐसे भी हैं, जिन्हें पूरा करने की वाजपेयी ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह अपने कार्यकाल उन कामों को पूरा नहीं कर सके।
कश्मीर समस्या का हल
अटल बिहारी वाजपेयी कश्मीर समस्या को लेकर बहुत ही गंभीर थे। वह हर हाल में इस समस्या का हल चाहते थे। उनका मानना था कि कश्मीर के बहाने जो सालों से खून बहाया जा रहा है, अब उसको बंद कर देना चाहिए। इस समस्या को खत्म करने के लिए वाजपेयी ने अलगाववादियों और पाकिस्तान दोनों से बातचीत शुरू की। हालांकि अलगाववादियों की शांति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वहीं कहा जाता है कि वाजपेयी ने पाकिस्तान से जनरल परवेज़ मुशर्रफ के साथ मिलकर कश्मीर समस्या का लगभग हल निकाल ही लिया था, लेकिन आखिरी मौके पर जाकर बातचीत विफल हो गई।
पाकिस्तान के साथ शांति
अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा से पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ शांति के पक्षधर रहे। उनका मानना था कि, ‘आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं।’ वाजपेयी पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने और दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए बस से लाहौर पहुंच गए थे। हालांकि इसके दो महीने बाद ही पाकिस्तान ने कारगिल में हमला कर दिया और उनकी कोशिश विफल हो गई।
अयोध्या मुद्दा
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से अयोध्या विवाद का हल निकालने की काफी कोशिश की। कहा जाता है कि वह इसके शांतिपूर्ण हल के बेहद करीब पहुंच गए थे, लेकिन अचानक ही सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद से जुड़ा एक मामला पहुंच गया और उनकी कोशिश सफल नहीं हुई।
नदी जोड़ो परियोजना
अटल बिहारी वाजपेयी ने बाढ़ और सूखे जैसी समस्या को कम करने के लिए नदी जोड़ो योजना शुरू की थी। इसके तहत 60 नदियों को जोड़ने की योजना थी। हालांकि साल 2004 में कांग्रेस की सरकार आने के बाद यह योजना खटाई में पड़ गई। कई लोगों का मानना था कि प्रकृति से छेड़छाड़ करने के परिणाम घातक हो सकते हैं।
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