राज एक्सप्रेस। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधियों का उपयोग सरकार की केंद्रीय योजनाओं को लागू करने के लिए नहीं किया जाता है। श्री ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए सीएसआर धन स्रोत का उपयोग नहीं किया जाता है, इसलिए इस तरह का आरोप लगाना निराधार है। कंपनी अधिनियम 2013 के अनुच्छेद सात में स्पष्ट कहा गया है कि सभी सीएसआर फंड को खर्च किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में सीएसआर धनराशि का उपयोग स्थानीय क्षेत्रों के विकास के लिए किया जाता है और इसके लिए कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा संचालित एक नीति होती है। उन्होंने कहा कि अब तक 50 प्रतिशत धनराशि कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा और 38 प्रतिशत कंपनियों द्वारा अपने विभिन्न निकायों के माध्यम से खर्च की जाती है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि अधिकांश धन को देश भर में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास पर खर्च किया जाता है। उन्होंने सीएसआर फंड का पीएम केयर्स फंड में दिए जाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में देश के अलग-अलग हिस्सों से हर तबके के लोगों ने अपना योगदान दिया है। सांसदों के वेतन और सांसद फंड से भी योगदान दिया है। इसका परिणाम यह है कि दुनिया के मुकाबले में कोरोना से भारत में मृत्यु दर कम रही है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान किसी फंड में योगदान को मुद्दा बनाना उचित नहीं है।
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