राज एक्सप्रेस। भारत में जानलेवा 'कोरोना वायरस' (कोविड-19) 2nd स्टेज पर आ चुका है, ऐसे में सावधानी के तौर पर काफी सर्तकता बरती गई है। साथ ही रविवार, 22 मार्च 2020 में 'जनता कर्फ्यू' के मद्देनजर व कोरोना महामारी के चलते भारत के प्रदेशों की स्थिति कैसी है, इस बारे में जानते हैं, फिलहाल भारत के इन प्रदेशों में सबसे अधिक असर देखने को मिला है...
कोरोना वायरस का असर सबसे अधिक महाराष्ट्र के पुणे में देखने को मिला है, यहां की सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा है, सब कुछ बंंद है। यहां के लोग डरे व सहमें हुए हैं। पुणे के हॉस्पिटल की बात करें तो हॉस्पिटल में भी ज्यादा मरीजों की संंख्या नहीं है, यहां सिर्फ इमरजेंसी पेशेंट ही हैं। कोरोना के चलते कॉर्पोरेट ऑफिस में सभी कर्मचारियों को 'Work at home' दे दिया गया, सभी अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैैं।
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में धारा-144 लागू है, वहीं जबलपुर में कोरोना वायरस के चार पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद जिला एवं पुलिस प्रशासन ने धारा 144 के तहत 21 मार्च की मध्य रात्रि से 14 दिन के लिये टोटल जिले लाक डाउन हैं। सड़क अथवा रेल से जिले की सीमा में बाहरी लोगों का आगमन एवं जिले में निवासरत नागरिकों का जिले की सीमा के बाहर जाना प्रतिबंधित है। साथ ही मेडिकल दुकान और हॉस्पिटल को छोड़कर शेष समस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं।
महेश्वर :
मध्य प्रदेश के खरगोन जिला में स्थित महेश्वर शहर में 144 धारा लागू है, यहां ज्यादा ताेे नहीं, लेकिन थोड़ा बहुत असर देखने को मिला है। यहां कुछ दुकाने बंद तो वहीं कुछ खुली हुई हैैैं।
जबलपुर :
वहीं, मध्य प्रदेश के जबलपुर में 2 परिवार के चार मरीजों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद दो दिन के लिए ‘लॉकडाउन’ कर दिया गया है।
निमाड़ :
वहीं, मध्यप्रदेश के निमाड़ में तो गणगौर महापर्व की तैयारियां चल रही है, यहां बंद जैसे कुछ हालात नजर नहीं आ रहे हैं। बता दें कि, गणगौर मालवा और निमाड़ का गौरवमय पर्व है, जो संपूर्ण मध्यप्रदेश निमाड़-मालवांचल में अपनी अनूठी छटा बिखेरता है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के स्टेशन लगभग खाली है, बहुत ही कम लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं। हालांकि यहां पर कुछ जरूरी दुकानें ही खुली हुई हैं, बाकी सभी रेस्टोरेंट, ढ़ाबा, मिठाई की दुकानें, कैफे बंद हैं।
चंडीगढ़ की बात करें तो यहां एयपोर्ट पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है, रोड पर भी कोई नजर नहीं आ रहा है और लगभग सबकुछ बंद हैं। यहां के हालात ऐसे है कि, लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं।
रविवार, 22 मार्च 2020 को पूरे देश में ‘जनता कर्फ्यू’ लगा है, ये कर्फ्यू जनता का खुद पर लगाया गया एक प्रतिबंध है...लोग खुद अपने काम टालेंगे और बाहर निकलने व सोसाइटी में निकलने से बचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू है।
क्या-क्या है बंद?
भारतीय रेलवे के मुताबिक, जनता कर्फ्यू का पालन करते हुए 21 मार्च की रात 12 बजे से 22 मार्च रात 10 बजे के बीच ट्रेन नहीं चलेंगी।
मेट्रो, सिटी बस सेवाएं और सार्वजनिक परिवहन सब बंद हैं।
सभी शहरों में शॉपिंग मॉल, कैफे, रेस्तरां भी बंद हैं।
वैसे देखा जाए तो सभी सावधान रखते हुए कोरोना महामारी के संकट से निपटने के लिए सभी देशवासी ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन कर रहे हैं।
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