संविधान दिवस : हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान, जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य
राज एक्सप्रेस। 26 नवंबर का दिन हमारे देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इसे राष्ट्रीय कानून दिवस और भारतीय संविधान दिवस भी कहते हैं। इसका कारण यह है कि 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था। इसके 2 महीने बाद 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू किया गया था। संविधान दिवस के दिन लोगों को संविधान के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। तो चलिए संविधान दिवस पर आज हम भारतीय संविधान को लेकर कुछ रोचक बातों के बारे में जानेंगे।
1. भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके निर्माण में करीबी तीन साल और 64 लाख रूपए खर्च हुए थे।
2. भारतीय संविधान अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से प्रभावित है। इनकी कई विशेषताओं को भारतीय संविधान में भी लिया गया है।
3. भारतीय संविधान में प्रस्तावना का विचार अमेरिका और भाषा को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है। संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत ‘हम भारत के लोग’ से होती है।
4. भारतीय संविधान की मूल प्रतियां टाइप नहीं की गई थी, बल्कि पूरे संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से लिखा था। पूरे संविधान को लिखने में उन्हें 6 महीने लगे थे, इस दौरान कुल 432 निब घिस गई थी। यह मूल प्रतियां संसद में रखी हुई है।
5. भारतीय संविधान की मूल प्रति 16 इंच चौड़ी, 22 इंच लंबी है। संविधान में कुल 251 पृष्ठ थे। संविधान के हर पन्ने को शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया था।
6. भारतीय संविधान को मूल रूप से अंग्रेजी और हिंदी भाषा में लिखा गया था। संविधान के अंग्रेजी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं।
7. भारतीय संविधान का निर्माण भारतीय संविधान सभा ने किया था। संविधान सभा का गठन छह दिसंबर 1946 को किया गया था। इस सभा में कुल 284 सदस्य थे, जिनमें से 15 महिलाएं थीं।
8. भारतीय संविधान को तैयार करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने बड़ी भूमिका निभाई थी। यही कारण है कि उन्हें ‘संविधान निर्माता’ भी कहा जाता है।
9. भारतीय संविधान में सेक्युलर शब्द को साल 1976 में आपातकाल के दौरान जोड़ा गया था।
10. संविधान लागू होने के बाद से अब तक संविधान में 100 से भी ज्यादा बार संशोधन हो चुके हैं।
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