छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों में कैशलेस इलाज का वादा रहा अधूरा, अगली कैबिनेट तक लंबित
रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के लोगों को सरकारी अस्पताल में कैशलेस इलाज का वादा किया था। जिसकी शुरुआत आज से प्रदेश के अस्परतालों में होनी थी। छत्तीसगढ़ में राइट टू एजुकेशन की तर्ज़ पर राइट टू हेल्थ का प्रावधान किये जाने की योजना है। जिसका शुभारम्भ आज से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में किया जाना था।
जानकारी के मुताबिक कुछ तकनीकी खराबी के कारण इसे रोक दिया गया है। इस विषय को कैबिनेट की अगली मीटिंग तक टाल दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों के साथ थाईलैंड के यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का अध्यन करने बाद योजना का प्रारूप तैयार किया था।
बजट सत्र में किया था ऐलान :
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बजट सत्र में 1 जून से सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिए जाने का ऐलान किया था। इस योजना के लिए टैक्स से प्राप्त धनराशि का उपयोग होना था। अब कैबिनेट की अगली मीटिंग तक प्रदेश की जनता को इंतज़ार करना होगा।
भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल की प्रतिक्रिया :
भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल विषय पर छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया।
इस मुद्दे पर भाजपा नेता का कहना है कि "घोषणावीर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा में घोषणा की थी कि 1 जून से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज,दवाइयां और जांच के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने घोषणा तो कर दी थी,पर बजट में कोई प्रावधान नहीं किया था। सरकार की मंशा उसी वक्त समझ आ गई थी।कल एक जून है,परंतु सरकारी अस्पतालों में ऐसी कोई तैयारी नहीं है। इसका मतलब साफ है, जनता के साथ कांग्रेस फिर वादाखिलाफी करने जा रही है।"
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