छत्तीसगढ़ के 4% केस वाले जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू कर लगाई गई पाबंदियां
रायगढ़, छत्तीसगढ़। पूरे भारत में कोरोना और कोरोना के नए Omicron वेरिएंट का प्रकोप अब भी बढ़ रहा है। देश में अब तक कोरोना कई राज्यों तक पहुंच चुका है। ऐसे में कुछ राज्यों में कोरोना का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़ का नाम बड़े स्तर पर है। कोरोना और नए Omicron वेरिएंट से बचने का सबसे अच्छा उपाय सावधानी से घर में रहना या जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलना है, इस बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कई महीनों बाद फिर से नाइट कर्फ्यू लागू करने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का ऐलान :
दरअसल, छत्तीसगढ़ में भी एक बार फिर कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ता नजर आरहा है। ऐसे में वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के मामलों को लेकर चिंता जताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम बैठक कर सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कोरोना से रोकथाम के लिए कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है। साथ ही 4% केस वाले जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिलने वाले जिलों में रायपुर के बाद बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा और दुर्ग शामिल है। यह सभी सबसे हॉट जोन बने हुए हैं।साथ ही प्रदेश में जुलूस, रैली, सामाजिक-धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाने जैसी कई पाबंदियां भी लागू कर दी है।
छत्तीसगढ़ CM का कहना :
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि, 'हमारा मुख्य उद्देश्य कोविड-19 संक्रमण और इससे संबंधित रिस्क को सीमित करना है न कि आर्थिक गतिविधियों को धीमा करना। (कलेक्टरों और एसपी से कहा) प्रदेश के ऐसे जिले, जहां पॉजिटिव रेट 4% या इससे अधिक है, वहां रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रिकालीन क्लैम्प डाउन (नाइट कर्फ्यू) लगाया जाए और नॉन कमर्शियल गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। जरूरी होने पर धारा 144 तथा महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाए।'
यह लगाई गई पाबंदियां :
जारी किए गए आदेशों के अनुसार,
4% से ज्यादा पॉजिटिव रेट वाले जिलों के सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पुस्तकालयों, स्वीमिंग पूल सहित ऐसे सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है।
जिलों में जुलूस, रैलियों, पब्लिक गैदरिंग, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और खेल आयोजनों पर रोक लगा दी गई हैं।
प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर RTPCR जांच अनिवार्य की जाए।
ऐसे व्यक्ति जिन्हें कोविड-19 के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं, वे यात्रा तिथि के 72 घंटे की RTPCR की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
सभी रेलवे स्टेशनों और राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रेन्डम जांच के निर्देश दिए गए हैं।
सार्वजनिक स्थानों, भीड़-भाड़ वाले बाजारों और दुकानों में संक्रमण से बचाव के लिए मास्क के उपयोग को सख्ती से लागू करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं।
जो मास्क नहीं लगाते हैं उनका पुलिस और नगर निगम द्वारा सख्ती से चालान किया जाए।
राज्य में सभी को जब तक बहुत जरूरी न हो हवाई यात्रा या रेल से यात्रा नहीं करने को कहा है।
जहां आवश्यक हो, वहां कोरोना संक्रमण को रोकने माइक्रो या मिनी कंटेनमेंट जोन बनाया जाए।
जहां आवश्यक हो वहां संक्रमितों की पहचान के लिए ट्रेसिंग और ट्रेकिंग की जाए।
होम आइसोलेशन वाले संक्रमितों के लिए सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे कॉल सेंटर्स को सक्रिय किया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिनों के माध्यम से संक्रमण की स्थिति पर नजर रखी जाए।
जिला प्रशासन को हॉस्पिटल बेड, दवाइयों के स्टॉक, पीएसए प्लांट्स और ऑक्सीजन की उपलब्धता डेली रिपोर्टिंग के निर्देश भी दिए हैं।
कोरोना की पिछली दो लहर के दौरान सभी शासकीय और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी रियल टाइम में ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए।
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