CG Congress Politics: अंतर्कलह को दबाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने निकाला रास्ता, जिसकों जो चाहिए था मिल गया
Chhattisgarh Congress Politics : छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बगावत को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस आलाकमान ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाया है। देव के डिप्टी सीएम बनने से पिछले कई दिनों से चल रही बगावत की चर्चाओं पर विराम लग गया है। इसके अलावा बीजेपी से कांग्रेस में आये नंद कुमार साय को राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इस तरह से कांग्रेस सबको साधने में सफल होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस का आला नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में होने वाली बगावत को समाप्त कर दिया है। कांग्रेस अब आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मजबूती से मैदान में उतरेगी।
पिछले बीस दिन से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, यह चर्चा जोरो पर थी। भूपेश बघेल सरकार स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव कांग्रेस का हाथ छोड़ सकते हैं। इसके अलावा कई कांग्रेस के नेता बगावत करने की तैयारी में थे। हालांकि इन चर्चाओं को लेकर स्वास्थय मंत्री टी एस सिंह देव बार-बार बयान देकर अपनी आस्था कांग्रेस में जताते रहे। अंदरूनी तौर पर उनकी भावनाएं कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाई गई। इसी का नतीजा है कि, बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय समिति की बैठक हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के नेता भी शामिल हुए। बातचीत के बाद कांग्रेस आलाकमान ने रास्ता निकाला कि सभी की मंशा के अनुसार कोई न कोई पद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिए जाये। बुधवार देर रात ही छत्तीसगढ़ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव को डिप्टी सीएम नियुक्त कर दिया गया। इसी तरह गुरूवार को हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ नेता नन्द कुमार साय राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया। आगामी दिनों में कई राजनीतिक नियुक्तियां की जा सकती है जिससे असंतुष्ट चल रहे नेताओं को संतुष्ट किया जा सके।
विधानसभा चुनाव पर फोकस :
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ में ऐसे कोई भी स्तिथि बनने नहीं देना चाहता है। जिससे प्रदेश में कांग्रेस कमजोर हो और बीजेपी को विधानसभा चुनाव के मैदान में मजबूती से लड़ने का मौका मिले। कई सर्वे के अनुसार, इस समय प्रदेश में कांग्रेस की स्तिथि अच्छी है। कांग्रेस अपना पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर रखना चाहती है उसका लक्ष्य 2023 विधानसभा चुनाव में फिर से सरकार बनाना है। यही वजह है कि वह किसी भी नेता और कार्यकर्ता की नाराजगी को ज्यादा देर तक रहने नहीं देना चाहती है।
क्यों नाराज थे टी एस सिंह देव :
2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हराकर सरकार बनाई थी। उस समय कांग्रेस में अंदरूनी समझौते के अनुसार ढाई साल भूपेश बघेल और अगले ढाई साल टी एस सिंह देव मुख्यमंत्री बांये जायेंगे। पहले ढाई साल के लिए भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री की शपथ लेकर कार्यकाल शुरू किया जैसे ही ढाई साल पूरे हुए टी एस सिंह देव के समर्थकों ने सवाल उठाने शुरू क्र दिए। बीच में कई बार विधायकों की परेड हुई। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के विधायकों को समझा बुझाकर मामले को टालता रहा, लेकिन विधानसभ चुनाव 2023 से ठीक पहले जून माह से ही इस बात ने फिर जोर पकड़ लिया कि अब टी एस सिंह देव ने कांग्रेस का साथ छोड़ने का मन बना लिया है और जल्द ही वह अपने समर्थकों के साथ पार्टी को अलविदा कह देंगे। उनके समर्थकों में कई विधायक भी शामिल है। टी एस सिंह देव की तरह ही प्रदेश के कई विधायक और नेता अपनी उपेक्षा से सरकार और पार्टी से नाराज चल रहे थे। इसकी रिपोर्ट छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने केंद्रीय नेतृत्व को दी, जिसके बाद बुधवार को छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर नाराजगी दूर करने और बगावत को रोकने के लिए रास्ता निकाला गया।
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