CG News: पाटन से अब मेरे खिलाफ भाजपा नहीं ED और आईटी चुनाव लड़ेगी -सीएम भूपेश बघेल
हाइलाइट्स :
सीएम ने ईडी की कार्रवाई को बताया राजनीतिक।
सीएम ने बताया छोटे से राज्य में 200 से अधिक रेड।
सीएम बघेल ने कहा घोटलों के मुख्य आरोपियों पर ईडी कार्रवाई नहीं करती।
रायपुर, छत्तीसगढ़। ईडी के अधिकारी कल ही मेरे राजनीतिक सलाहकार और OSD के घर पहुँच गए इसका मतलब यह है कि, पाटन में अब भाजपा नहीं ईडी और आईटी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ेगी -यह बात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा दौरान की। बुधवार को मुख्यमंत्री बघेल के करीब और राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा समेत 2 OSD और एक व्यापारी के घर और ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने दबिश की थी। इसी को लेकर आज मुख्यमंत्री बघेल ने दिल्ली से प्रेसकॉन्फ्रेंस की है।
रमन सिंह ने भेजा था जेल, 15 सालों की सरकार 15 सीटों में सिमट कर रह गई:
पत्रकार वार्ता के दौरान एक पत्रकार ने भूपेश बघेल से पूछा क्या अगला नंबर आपका है? इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, हम छत्तीसगढ़ के लोग हैं मरने और जेल जाने से नहीं डरते। नक्सलियों ने इतना मारा गया है हमारे लोगों को प्रताम पंक्ति के हमारे सारे नेता शहद हो गए और ये इन्ही के शासनकाल में हुआ। तो हम लोग न मरने से न लड़ने डरते हैं। जेल तो पहले भी भेज चुके हैं विनोद वर्मा को मुझे भी भेज के देख लें... रमन सिंह ने भेजा था जेल 15 सालों की सरकार 15 सीटों में सिमट कर रह गई इस बार भी भेज कर देख लें।
सीएम ने कहा, यह कहानी शुरू होती है झारखंड चुनाव से। शराब घोटाला मामले में कैग की जांच हुई उसके बाद अब जब चुनाव नजदीक आ रहें हैं...ईडी को इस सम्बन्ध में सारे कागज भी दे दिए गए थे। लेकिन ईडी चुनाव के पहले सक्रीय हो गई है। कहा जा रहा है कि 21 सौ 68 करोड़ का घोटाला हुआ, नकली होलोग्राम के प्रयोग की भी बात की गई, लेकिन बचत लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई। ईडी द्वारा आरोप लगाया गया कि राजस्व को नुकसान पहुँचाया गया। लेकिन आंकड़ों के अनुसार राजस्व बढ़ा है।
कोयला घोटाले के आरोप पर सीएम ने कहा-
कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया 500 करोड़ का। FIR दर्ज हुई कर्नाटक, नोएडा और भोपाल में। 4 बार सप्लीमेंटरी चालान पेश कीयुआ गया, लेकिन चल-अचल संपत्ति मिलकर भी पूरा हिसाब 150 करोड़ पहुंचा है। आरोप 500 करोड़ का है। वो बता ही नहीं पा रहे।
धान घोटाले के आरोप पर सीएम बघेल ने कहा-
धान घोटाले की बात की गई, राइस मिल में छापे मारे गए आईटी के द्वारा, तकलीफ यह है कि, किसानों की 160 मीट्रिक धान की बिलिंग कैसे हो गई। अब तक धान बाहर पड़ा रहता था जैसे मध्यप्रदेश में होता है। हमने इस नुकसान को होने से बचाया। ये लोग (ईडी) घरों में जाते हैं लोगों के मोबाइल जप्त करते हैं. उनके अकाउंट सीज करते हैं। 5-6 दिन तक उन्हें बंधक बना कर रखते हैं। सवाल इनके पास होते नहीं, जब तक इनके पास ऊपर से आर्डर नहीं आते तब तक खाली नहीं करते। राजनीतिक सवाल भी पूछना शुरू कर देते हैं। प्रताड़ित करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं।
आने वाले दिनों में ईडी और भी अधिकारियों को परेशान करेगी:
सीएम ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि, अगर ईडी को किसी को पकड़ना था तो उसे देश के बाहर के लोगों को पकड़ना चाहिए था। उन्होंने (केंद्रीय एजेंसी) ऐसा नहीं किया। केवल राजनीतिक लाभ के लिए एक अधिकारी को फंसाया गया... आने वाले दिनों में ईडी और भी कर्मचारियों के यहां जाकर उन्हें परेशान करेगी। ताकि वे काम न कर पाएं
छोटे से राज्य में 200 से अधिक रेड :
सीएम ने कहा कि, इनका एकमात्र उद्देश्य राजनीतिक है। हमारे गृह मंत्री राज्य में आते हैं और पार्टी कार्यालय में रुक कर चले जाते हैं। आप लोकतान्त्रिक ढंग से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। आप ईडी और आईटी के माध्यम से डरा धमका कर चुनाव लड़ना चाहते हैं। ईडी की सारी पूछताछ अमानवीय तरह से होती है। इन लोगों को बेतहाशा अधिकार मिले हैं और ये लोग निरंकुश हो गए हैं। डराते हैं की जो कागज हम लाये हैं उन पर हस्ताक्षर करो। छोटे से राज्य में 200 से अधिक रेड हुई। आज पूरी तरह भय का माहौल है। संजय मिश्रा को 15 सितम्बर तक का टास्क मिला हुआ है। कल 23 अगस्त था अब कुछ दिन और बचे हैं। ये लोग अपने आकाओं के आदेश पर काम करते हैं। ऐसे व्यक्ति अगर काम करेंगे तो प्रजातंत्र खतरे मैं हैं।
घोटलों के मुख्य आरोपियों पर ईडी कार्रवाई नहीं करती :
सीएम ने कहा कि, महादेव सट्टा ऐप पर हमने कार्रवाई की जिससे सम्बंधित सबूत भी हमारे पास हैं। केंद्र द्वारा हमें कोई मदद नहीं दी जा रही। कोयला घोटाला जिसके लिए हुआ उसे कोई गिरफ्तार नहीं कर रहा। शराब घोटाला समेत इन सभी में एक समानता है कि, इनके खिलाफ ईडी कोई कार्रवाई नहीं कर रही। महादेव सट्टा ऐप के दोनों आरोपी दुबई में हैं उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। चिट-फंड घोटाला हुआ हमने केंद्र सरकार से मदद मांगी, राज्य सरकार का एक सीमित दायरा होता है लेकिन सरकार ने आज तक उसका कोई जवाब नहीं दिया। ये भारत सरकार का रवैय्या है।
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