मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, मांगे छत्तीसगढ़ के बकाया 6,000 करोड़ रुपए
हाइलाइट्स-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।
मांगे छत्तीसगढ़ के बकाया 6,000 करोड़ रुपए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समय-सीमा तय कर देनदारियों के शीघ्र निराकरण का अनुरोध किया।
भूपेश बघेल ने कहा- अतिशेष धान के नुकसान की भरपाई भी न होने से राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक भार।
रायपुर, छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर भारत सरकार द्वारा लंबित देनदारियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने इस पत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारत सरकार के पास लंबित 6 हजार करोड़ की देनदारियों देने को कहा है।
बता दें कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पत्र में लिखा है कि, वर्तमान स्थिति में भारत सरकार/भारतीय खाद्य निगम के स्तर पर राज्य की एजेन्सियों की लम्बित देनदारियां लगभग 6,000 करोड़ रुपये की हो चुकी हैं।
क्या लिखा है पत्र में:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि, मैं इस पत्र के माध्यम से विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजनान्तर्गत राज्य सरकार की एजेंसियों के भारत सरकार के समक्ष धान एवं चावल से संबंधित लंबे समय से लंबित देनदारियों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। वर्तमान स्थिति में भारत सरकार/भारतीय खाद्य निगम के स्तर पर राज्य की एजेंसियों की लंबित देनदारी लगभग ₹6000 की हो चुकी है (लंबित का विस्तृत विवरण संलग्न है।)
उन्होंने आगे लिखा है कि, "आपको विदित ही है कि, केंद्रीय पूल में राज्य सरकार की ओर से जमा चावल के बाद बचे शेष धान के निराकरण में भी राज्य सरकार को बड़ी हानि उठानी पड़ती है, जिसकी भरपाई भारत सरकार द्वारा नहीं की जाती है। जिससे राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक भार वहन करना पड़ता है।"
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुरोध करते हुए कहा कि, "अनुरोध है कि, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें कि, यह राज्य की एजेंसियों की लंबे समय से लंबित समस्त देनदारियों का समय सीमा निर्धारित कर निराकरण करें तथा राज्य के विधिक क्लेग की राशि शीघ्र राज्य सरकार को अंतरित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें।"
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।