नारको टेस्ट के लिए छत्तीसगढ़ हुआ आत्म निर्भर, एम्स में नारको टेस्ट की मिली मंजूरी
रायपुर, छत्तीसगढ़ । अब बड़े अपराधों में इस्तेमाल किए जाने वाले नारको टेस्ट के लिए देश के बड़े राज्यों में नंबर नहीं लगाना पड़ेगा। नारको टेस्ट के लिए छत्तीसगढ़ अब आत्म निर्भर बन गया है। राज्य सरकार ने नारको टेस्ट के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली है और रायपुर एम्स के साथ मिलकर इसके लिए जरूरी मशीनें भी मंगा ली गयी हैं ।
प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों पर लगाम कसने के लिए लगातार नयी तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। बढ़ते हुए साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए सभी पांच रेंज मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना की जा रही है। अपराधों पर लगाम लगे इसके लिए दुर्ग में फारेंसिंक साइंस लेबोरेट्री कालेज की स्थापना भी की जाएगी।
वर्तमान में प्रदेश के 11 जिलों में डायल 112 की सुविधा थी जिसमें अब 17 अन्य जिलों को भी शामिल कर लिया गया है। इस तरह से अब डायल 112 की सुविधा 28 जिलों में होगी।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य चर्चा का दिया जवाब
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार का बजट प्रदेश के गरीबों, किसानों, मजदूरों, अनुसूचित जाति, जनजाति, नौजवानों सहित सभी वर्गों के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र सदन से इस वर्ष का बजट पारित होने के बाद बजट की घोषणा के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, कोटवारों, रसोईयों, पटेलों, स्वच्छता सफाईकर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों के साथ नगर पंचायतों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने आवास योजना, उज्ज्वला योजना और शौचालय का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। केन्द्र द्वारा वर्ष 2021 में जनगणना नहीं कराई गई जिसके कारण अनेक हितग्राही योजनाओं के लाभ से वंचित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के विनियोग का आकार 01 लाख 32 हजार 370 करोड़ रूपए है। बजट का आकार (शुद्ध) 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ रूपए है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष 2022-23 में जनवरी तक 4 हजार 471 करोड़ रूपए का राजस्व आधिक्य है। राज्य में लगातार दो वर्षों के राजस्व आधिक्य की स्थिति को आगामी वर्ष 2023-24 में भी 3 हजार 500 करोड़ रूपए के अनुमानित राजस्व आधिक्य के साथ निरंतर रखा गया है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार द्वारा आज तक बाजार से कोई कर्ज नहीं लिया गया है। छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाले देश के तीन राज्यों में शामिल है। छत्तीसगढ़ ने इस वर्ष कोई बाजार ऋण नहीं लिया, बल्कि 2000 करोड़ रूपए के पुराने बाजार ऋण का पुर्नभुगतान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक बुलेटिन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 में तीन राज्यों को छोड़कर अन्य राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा 14 मार्च तक 6 लाख 81 हजार 520 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से जनवरी 2023 तक कुल 82 हजार 125 करोड़ का ऋणभार है, जो राज्य के जीएसडीपी का मात्र 17.9 प्रतिशत है। यह 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 25 प्रतिशत से बहुत कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 6144 करोड़ था जो राजस्व प्राप्तियों का मात्र 7.7 प्रतिशत है। चालू वर्ष में जनवरी माह तक ब्याज भुगतान 4 हजार 277 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों का मात्र 6 प्रतिशत है। गत वर्ष एवं इस वर्ष कम ऋण प्राप्त होने के कारण ब्याज भुगतान भी कम हो रहा है। यह 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 10 प्रतिशत से बहुत कम है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2021-22 में राज्य का कमिटेड व्यय, जिसमें वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान शामिल है। कुल व्यय का मात्र 40 प्रतिशत रहा है। इस वर्ष भी यह 40 प्रतिशत के भीतर ही रहने की पूर्ण संभावना है।
उन्होेंने कहा कि जून से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि मिलना बंद हो गई है, इससे छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को हर साल 5 से 6 हजार करोड़ रूपए का नुकसान हो रहा है। केन्द्र ने छत्तीसगढ़ में उत्पादित होने वाले कोयला और लोहा की रायल्टी नहीं बढ़ाई है। साथ ही अनेक योजनाओं में केन्द्र से मिलने वाले अंश की राशि कम कर राज्यांश की राशि बढ़ा दी गई है।
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