Sumitranandan Pant Birth Anniversary: छायावाद के प्रमुख कवि सुमित्रा नंदन पंत (Sumitra Nandan Pant) को छत्तीसगढ़ BJP प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (BJP state president Arun Sao) ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये ट्वीट कर याद किया। अरुण साव ने अपने ट्वीट में लिखा कि "प्रकृति के सुकुमार महान कवि एवं छायावाद के प्रमुख स्तंभ, ज्ञानपीठ व पद्म विभूषण से सुसज्जित सुमित्रा नंदन पंत जी की जयंती पर शत–शत नमन।"
सुमित्रा नंदन पंत :
सुमित्रा नंदन पंत हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। इनका जन्म 20 मई 1900 को हुआ था। इनका चरित्र चित्रण समकालीन कवियों सबसे अच्छा माना जाता है। इन्हे प्रकृति का सुकुमार कवि भी कहा जाता है। पंत कार्ल मार्क्स (Karl Marx) और महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) से बहुत अधिक प्रभावित थे और इसका प्रभाव उनकी रचनाओं में भी देखा जा सकता है।
इन्हे हिंदी साहित्य का विलियम वर्ड्सवर्थ (William Wordsworth) भी कहा जाता है। इन्होने ही महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को ‘अमिताभ’ नाम दिया था। इनकी रचनाओं में समाज के यथार्थ के साथ-साथ प्रकृति और मनुष्य की सत्ता के बीच टकराव भी देखा जा सकता है। इनकी रचनओं में आधुनिक हिंदी साहित्यिक रचनाओं (Hindi Literature) के आधे युग को देखा जा सकता है।
सुमित्रा नंदन पंत की प्रमुख रचनाएँ :
प्रमुख काव्य रचनाएँ - "योगवाणी", "युगांतर", "युगपथ", "गीत हंस", "गीत पर्व", "उत्तरा", "वाणी", "कला और बूढ़ा चाँद" आदि।
उपन्यास : "हार"
कहानी ग्रन्थ : "पाँच कहानियाँ"
इन इन पुरस्कारों से किया गया सम्मानित : "ज्ञानपीठ", "पद्मविभूषण"
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