राम जन्मभूमि जमीन घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट के सचिव का आया बड़ा बयान

राम जन्मभूमि जमीन घोटाले के आरोपों पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव का एक बड़ा लिखित बयान जारी कर इसे राजनीति से प्रेरित और झूठ करार दिया है...
राम जन्मभूमि जमीन घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट के सचिव का आया बड़ा बयान
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राम जन्मभूमि जमीन घोटाला: देश की सबसे बड़ी अदालत में अयोध्‍या की राम जन्मभूमि को लेकर अपना फैसला सुनाकर काफी पुराना विवाद खत्म किया था और अब अयोध्या के राम जन्मभूमि जमीन घोटाला सुर्खियों में छाया है। हाल ही में इस घोटाले के आरोपों पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव का एक बड़ा लिखित बयान जारी हुआ है।

सारे आरोप राजनीति से प्रेरित :

अयोध्‍या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर अभी बन कर तैयार नहीं हुआ है, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देख-रेख में राम मंदिर का निर्माण का कार्य जारी है। इसी बीच अयोध्या के राम जन्मभूमि जमीन घोटाले पर आरोप का मामला सामने आया, जिस पर अयोध्या राम जन्मभूमि के ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम जन्मभूमि जमीन घोटाले के आरोपों पर लिखित बयान जारी करते हुए इन आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया है।

राम जन्मभूमि के ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कल 13 जून को एक प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए सफाई देते हुए साफ कहा- श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जितनी ज़मीन ख़रीदी है, वह खुले बाज़ार की क़ीमत से बहुत कम मूल्य पर ख़रीदी है। उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध किया था, उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया तत्पश्चात ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया।

क्‍या है आरोप :

बता दें कि, समाजवादी पार्टी में मंत्री रहे तेज नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे ने राम मंदिर जमीन खरीद बिक्री को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि, ''2 करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं। 18 मार्च 2021 को ही करीब 10 मिनट पहले बैनामा भी हुआ और फिर एग्रीमेंट भी, जिस जमीन को दो करोड़ में खरीदा गया उसी जमीन का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ?''

सीबीआई जांच की उठी मांग :

मिनटों में ही 2 करोड़ की कीमत की जमीन साढ़े 18 करोड़ कैसे हो गई? राम मंदिर के नाम पर जमीन खरीदने के बहाने राम भक्तों को ठगा जा रहा है। जमीन खरीदने का सारा खेल मेयर और ट्रस्टी को मालूम था। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

पवन पांडे

इतना ही नहीं बल्कि पवन पांडेय ने आगे ये दावा भी किया कि, ''17 करोड़ RTGS किया गया, किन-किन खाते से पेमेंट हुआ इसकी भी जांच होनी चाहिए। प्रभु श्री राम के नाम पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार हो रहा है.12080 वर्ग मीटर यानि 1.208 हेक्टेयर जमीन का बैनामा और एंग्रीमेंट हुआ बाबा हरिदास ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेचा और उसी को ट्रस्ट ने खरीदा।10 मिनट में जमीन की कीमत 16 करोड़ बढ़ गई।''

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