असम, मिजोरम: देश कोरोना महामारी के संकट काल के बीच असम और मिजोरम के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव की स्थिति बन गई है। इसी के मद्देनजर असम-मिजोरम बॉर्डर पर तनाव के हालात का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार ने बैठक बुलाई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी बैठक :
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला आज सोमवार को दोनों राज्यों के साथ होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11:30 बजे होगी। बैठक में दोनों राज्यों के सीएम सहित मुख्य सचिव मौजूद रहेंगे। इस बारे में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने PMO और गृह मंत्रालय को जानकारी दी है।
असम सरकार का बयान :
असम सरकार ने एक बयान में कहा कि, ''उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा से भी फोन पर बात की और सीमा के मुद्दों को सुलझाने और विवादों को सुलझाने के संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया। ज़ोरमथांगा ने सोनोवाल को अंतर-राज्य सीमा पर शांति बनाए रखने और आपसी सहयोग के प्रयासों का आश्वासन दिया।''
मिजोरम सरकार का बयान :
वहीं, मिजोरम सरकार ने भी खराब स्थिति के चलते केंद्र से बातचीत करने पहुंची। राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा कि, ''उसने हिंसा पर चर्चा के लिए एक कैबिनेट बैठक की और इसके लिए 'एकतरफा और उत्तेजक कृत्यों' और 'असम सरकार द्वारा किए गए अपराधों' को दोषी ठहराया।''
CRPF सहित सुरक्षाकर्मी तैनात :
अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा प्रभावित क्षेत्र मिजोरम के वैरेंगते गांव के पास और असम के लैलापुर में सीआरपीएफ सहित सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस उपायुक्त ने बताया, इलाके में लागू निषेधाज्ञा (144) के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी, जोकि लैलापुर गांव के लोगों की थीं। घंटों तक चली इस हिंसक झड़प में मिजोरम के 4 लोगों समेत कई लोग घायल हो गए। झड़प में घायल एक व्यक्ति को कोलासिब जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसकी गर्दन में गहरा घाव होने के कारण उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, तीन लोगों का इलाज वैरेंगते गांव के जनस्वास्थ्य केंद्र में किया गया।
कैसे भड़की हिंसा :
कोलासिब जिले के डीसीपी एच लल्थलंगलियाना के अनुसार, शनिवार शाम को लाठी-डंडे लिए असम के कुछ लोगों ने सीमावर्ती गांव के बाहरी क्षेत्र में स्थित ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास कथित तौर पर एक समूह पर पथराव किया। इसके बाद वैरेंगते गांव के रहने वाले लोग भारी संख्या में जमा हो गए। इलाके में लागू निषेधाज्ञा के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी, जो कि लैलापुर गांव के लोगों की थीं।
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