राज एक्सप्रेस। भारत में कोरोना वायरस के लगातार तेजी से बढ़ते हुए मामलों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इस लॉकडाउन के चलते कुछ कार्य अधूरे रह गए। इन अधूरे कार्यो में ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बोर्ड परीक्षा भी शामिल हैं। वहीं, अब CBSE बोर्ड ने इस मामले को लेकर फैसला ले लिया है। इस बारे में मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने अपनी बात रखी।
कब होगी परीक्षा :
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के बचे हुए सब्जेक्ट के एग्जाम को लेने का फैसला किया है। बचे हुए एग्जाम 3 मई को लॉकडाउन खत्म हो जाने के बाद आयोजित की जाएगी। डॉ. निशंक ने सोमवार को लॉकडाउन के दौरान देशभर के अभिभावकों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने आगे बताया कि, CBSE केवल 10वीं और 12वीं के उन सब्जेक्ट की परीक्षाएं लेगा। जो, 29 मुख्य सब्जेक्ट महत्वपूर्ण हैं और जो हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में एडमिशन लेने के लिए महत्वपूर्ण रूप से मान्य होते हैं, लेकिन जो वैकल्पिक विषय हैं उनकी परीक्षाएं नही होंगी और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उनका निर्णय किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री की अपील :
केंद्रीय मंत्री ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की है कि, "लॉकडाउन के दौरान वे पढ़ाई को लेकर तनाव में न रहें बल्कि मस्ती के साथ पढ़े। लॉकडाउन को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा का और विस्तार किया जाएगा। डॉ निशंक ने शिक्षकों से यह भी अपील की कि, वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दीक्षा और अन्य प्लेटफार्म पर अधिक से अधिक अपने लेक्चर पोस्ट करें ताकि अधिक से अधिक छात्र लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकें।
करोड़ों छात्र कर रहे स्वयं प्रभा पोर्टल का इस्तेमाल :
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ निशंक ने बताया कि, "लॉक डाउन के दौरान करीब 16 करोड़ छात्रों ने ऑनलाइन शिक्षा का इस्तेमाल किया है। करीब 12 करोड़ छात्रों ने स्वयं प्रभा पोर्टल का इस्तेमाल किया है। दीक्षा पोर्टल CESE द्वारा गत वर्ष सितंबर में शुरू किया गया था और उस पर 9000 से अधिक पाठ्य सामग्री डाउनलोड कर दी गई थी। इसके अलावा विद्यादान पार्ट 2 को भी लांच किया गया था। इस पर 1086 ई पाठ्यक्रम उपलब्ध है। दो हज़ार से अधिक ऑडियो और 996 ई बुक भी उपलब्ध है जिससे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं।
छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों के सुझाव :
डॉ निशंक ने बताया कि, ऑनलाइन शिक्षा के बारे में छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों ने उन्हें कई सुझाव दिए हैं और उन सुझावों पर अध्ययन किया जा रहा है ताकि उनमें से कुछ को भविष्य में लागू किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि, छात्र लॉकडाउन के दौरान पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें भी पढ़े और इसके लिए एक ट्वीटर अभियान भी शुरू किया गया। देश भर के IIT जैसे प्रौद्योगिकी संस्थानों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हो रहे शोध कार्यों के लिए युक्ति नामक एक प्लेटफार्म भी लांच किया गया है। छात्र इससे भी लाभ उठा सकते हैं।
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