राज एक्सप्रेस। उत्तरप्रदेश के बिजनौर में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद एडीएम बिजनौर के द्वारा जारी रिकवरी नोटिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने तोड़फोड़ के 4 आरोपियों के खिलाफ जारी नोटिस पर रोक लगाई है।
आपको बता दें कि, नागिरकता कानून के खिलाफ 19 और 20 दिसंबर को उत्तरप्रदेश के बिजनौर में हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी। जिसके देखते हुए 24 फरवरी को कोर्ट ने उपद्रवियों के खिलाफ नोटिस जारी किया था। जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। इससे पहले मोहम्मद फैजान के मामले में दिए गए स्टे के आधार पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई है। इस याचिका को पहले की याचिका के साथ संबद्ध करने का आदेश दिया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। हाई कोर्ट में जावेद, आफताब और तीन अन्य ने याचिका दाखिल की है। जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा की खंडपीठ ने रोक लगाई है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए।
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